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*वह काल जिस का लिखित विवरण उपलब्ध है उसे ऐतिहासिक काल एवं जिस काल का कोई लिखित विवरण उपलब्ध नही है उसे प्राग ऐतिहासिक काल कहते हैं |
*वह काल जिस का लिखित विवरण उपलब्ध है उसे ऐतिहासिक काल एवं जिस काल का कोई लिखित विवरण उपलब्ध नही है उसे प्राग ऐतिहासिक काल कहते हैं |
*खनन से प्राप्त सामाग्री को पुरातत्व कहते है, तथा इसका अध्ययन करने वाले को पुरातत्वविद कहते हैं |
*कार्बन 14 की सहायता से भौतिक वेत्ता काल का निर्धारण करते हैं |
*यूनानियो ने भारत को इंडिया तथा मध्य कालीन मुस्लिम इतिहासकारो ने हिंद अथवा हिंदूस्तान कहा |
*प्राचीन इतिहास के विषय मे जानकारी धर्म ग्रंथ, ऐतिहासिक ग्रंथ, विदेशियो के विवरण एवं पुरातत्व साक्ष्य द्वारा प्राप्त होता है |
*भारत का प्राचीनतम धर्म ग्रंथ वेद है, इस का संकलन करता वेद व्यास को माना जाता है|
*वेदो की संख्या 4 है- 1. ऋग्वेद, 2. यजुर्वेद, 3. सामवेद, 4. अथर्ववेद |
*ऋग्वेद : ऋचाओ के क्रमबद्ध ज्ञान संग्रह को ऋग्वेद कहा जाता है | यह सबसे प्रचीन वेद है | इस की भाषा पद्यात्मक है | इस मे 10 मण्डल, 1028 सूक्त, तथा 10462 ऋचाएं है | विश्वा मित्र द्वारा रचित ऋग्वेद के तीसरे मण्डल मे सूर्य देवता सवित्री को समर्पित प्रसिद्ध गायत्री मंत्र है | इस का नौवा मण्डल सोम देवता को समर्पित है | ऋग्वेद मे सबसे बाद का मण्डल दसवां (पुरुष सुक्त) है | पुरुष सुक्त के अनुसार 4 वर्ण, ब्राम्हण ब्रम्हा के मुख से, क्षत्रिय भुजाओ से, वैश्य जंघाओ से, तथा शुद्र चरणो से उत्पन्न हुए | ऋग्वेद मे पहले एवं दसवे मण्डल को बाद मे जोडा गया | ऋग्वेद मे सर्वाधिक पवित्र नदी सरस्वती को माना गया है | ऋग्वेद मे सर्वाधिक उल्लेख सिंधु नदी का है | ऋग्वेद मे गंगा का उल्लेख एक बार तथा यमुना का उल्लेख तीन बार किया गया है | ऋग्वेद मे वर्णीत सबसे महत्वपूर्ण देवता इंद्र है | ऋग्वेद मे इंद्र के लिये 250 एवं अग्नि के लिये 200 ऋचाओ की रचना की गयी है |
*यजुर्वेद : यह मूलत: कर्मकाण्ड प्रधान ग्रंथ है | इस मे बलि के समय अनुपालन के लिये नियमो का उल्लेख है | इस वेद की रचना गद्य एवं पद्य दोनो मे की गयी है|
*सामवेद : यह गायी जा सकने वाली ऋचाओ का संग्रह है | इसे भारतीय संगीत का जनक माना जाता है |
*अथर्व वेद : अथर्वा ऋषि द्वारा रचित इस ग्रंथ मे ब्रम्ह ज्ञान औषधि प्रयोग, रोग निवारण, तंत्र-मंत्र,जादू-टोना आदि का वर्णन किया गया है | यह सबसे बाद का एवं सबसे बडा ग्रंथ है | इसमे मण्डलो की संख्या 20, सूक्तो की संख्या 731 एवं मंत्रो की संख्या 5839 है |
*वेदांगो की संख्या 6 है |
*भारतीय इतिहास का सबसे अच्छा विवरण पुराणो से मिलता है | पुराणो की संख्या 18 है | पुराणो मे मत्स्य पुराण सबसे प्राचीन एवं प्रमाणिक है | पुराणो की भाषा संस्कृत श्लोक है |
*स्मृतियो की संख्या 6 है | स्मृति ग्रंथो मे सबसे प्राचीन एवं प्रमाणिक मनु स्मृति मानी जाती है| यह शुंग काल का मानक ग्रंथ है |
*नारद स्मृति गुप्त काल के विषय मे जानकारी प्रदान करता है |
*जातक मे बुद्ध के पुनर्जन्म की कथा का वर्णन है |
*हीन यान का प्रमुख ग्रंथ कथा वस्तु है, इसमे महत्मा बुद्ध का जीवन चरित्र वर्णित है |
*अर्थशास्त्र के लेखक चाणक्य (कौटिल्य या विष्णु गुप्त) है | इससे मौर्य कालीन इतिहास की जानकारी प्राप्त होती है |
*संस्कृत सहित्य मे ऐतिहासिक घटनाओ को क्रम ब्रद्ध लिखने का सर्वप्रथम प्रयास कल्हण ने किया |
*कल्हण द्वारा रचित पुस्तक राजतरंगिणी है, इसका सम्बंध कश्मीर के इतिहास से है |
*अरबो के सिंध विजय का वृत्तांत अली अहमद द्वारा रचित पंचनामा मे सुरक्षित है |
*अष्टाध्यायी नामक संस्कृत व्याकरण की पहली पुस्तक के लेखक पाणिनी है |
*काव्यायन की गार्गी संहिता एक ज्योतिष ग्रंथ है |
*पतंजलि पुष्य मित्र शुंग के पुरोहित थे, इनके महाकाव्य से शुंगो के इतिहास का पता चलता है |
*टेसियस इरान का राज्य वैद्य था, इसका विवरण आश्चर्यजनक एवं अविश्वसनीय है |
*हेरोडोटस को इतिहास का पिता कहा जाता है, इसकी पुस्तक हिस्टोरिका मे भारत-फारस के सम्बंधो का वर्णन है |
*सिकंदर के साथ आने वाले लेखको मे निर्याकस, आनेसिक्रटस, आस्टिबुलस प्रमुख है |
*मगस्थनीज सेल्युकस निकेटर का राजदूत था, जो चंद्रगुप्त मौर्य के राज दरबार मे आया था, इसकी पुस्तक का नाम इण्डिका है, इसमे मौर्य कालीन इतिहास का वर्णन है |
*डाइमेकस बिंदुसार के राज दरबार मे आया था |
*डायोनिसियस अशोक के राजदरबार मे आया था |
*टाल्मी मे भारत का भूगोल नामक पुस्तक की रचना की |
*प्लिनी ने नेचुरल हिस्ट्री नामक पुस्तक की रचना की |
*फाह्यान एक चीनी यात्री था, यह गुप्त नरेश चंद्रगुप्त द्वितीय के दरबार मे आया था |
*हुएनसांग एक चीनी यात्री था जो हर्षवर्धन के शासन काल मे भारतीय राज्य कपिशा आया था | यह नालंदा विश्व विद्यालय मे अध्ययन करने एवं बौद्ध ग्रंथो को एकत्र कर ले जाने के लिये आया था | इसके भ्रमण वृतांत “सी यू की” मे 138 देशो का विवरण है | इसके अध्ययन काल मे नालंदा विश्व विद्यालय के कुलपति आचार्य शीलभद्र थे |
*अलबरूनी गजनी के साथ भारत आया था | इसकी कृति ‘किताब उल हिंद या तहकीक ए हिंद (भारत की खोज )’ है |
*मार्कोपोलो 13 वी शताब्दी मे पाण्ड्य देश की यात्रा पर आया |
*सर्वप्रथम हाथी गुफा अभिलेख मे भारत वर्ष का जिक्र आता है |
*प्राचीन सिक्को को आह्त सिक्के कहा जाता है |
*सर्वप्रथम सिक्को पर लेख लिखने का कार्य यवन शासको ने किया |
*समुद्र गुप्त की वीणा बजाती मुद्रा वाले सिक्के से उसके संगीत प्रेमी होने का प्रमाण मिलता है |
*पृथ्वी पर सर्वप्रथम एक कोशिकीय जलीय जीवो का विकास हुआ |
*आधुनिक मानव को होमोसेपियंस कहते है, इसका विकास धरती पर लगभग 30 या 40 हजार साल पहले हुआ |
*वह काल जिस काल का कोई लिखित विवरण उपलब्ध नही है उसे “प्रागऐतिहासिक” काल कहते है |
*वह काल जिस काल के उपलब्ध लेख को पढ़ा नही जा सका है उसे “आद्य ऐतिहासिक काल” कहा जाता है |
*मानव विकास के उस काल को जिसका लिखित विवरण उपलब्ध है उसे इतिहास कहा जाता है |
*पुरापाषाण काल मे मानव की जीविका का मुख्य आधार शिकार था | इस काल को आखेट या खाद्य संग्रह काल भी कहते हैं |
*पुरापाषाण कालीन मानव का मुख्य भोजन कच्चा मांस व कंद मूल फल आदि था | इनका जीवन खाना बदोशी था |
*आग की जानकारी मानव को पुरापाषाण काल मे ही थी, परंतु इसका प्रयोग नव पाषाण काल मे प्रारम्भ हुआ |
*मानव का प्रथम पालतू पशू कुत्ता था, इसे मध्य पाषाण काल मे पालतू बनाया गया |
*नव पाषाण काल मे पहिए एवं कृषि का आविष्कार हुआ |
*नव पाषाण काल का मानव पशु पालक बन गया तथा स्थायी निवास की प्रवृति विकसित हुई |
*नव पाषाण काल मे मिट्टी के बर्तन की कला का विकास हुआ |
*नव पाषाण काल के मानव का मुख्य भोजन दूध, दही, अनाज आदि था |
*मानव ने सर्वप्रथम तांबा धातु का प्रयोग किया |
*कृषि के लिये अपनायी जाने वाली प्राचीन फसल गेहू एवं जौ थी |
*सन 1921 ई. मे पुरातत्व विभाग के निदेशक सर जान मार्शल के नेतृत्व मे रायबहादुर दयाराम साहनी ने हड़प्पा नामक स्थान की खुदाई कर एक सभ्यता की खोज की |
*हड़प्पा के पश्चात 1922 ई. मे राखालदास बनर्जी ने मोहन जोदड़ो नामक स्थान की खोज की | ये दोनो ही सभ्यताए सिंधु एवं इसकी सहायक नदियो के उर्वर मैदान मे पली- बढ़ी इसी कारण इसे सिंधु घाटी की सभ्यता कहते है |
*भारत मे पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, प.उ.प्र., उ.राजस्थान, गुजरात आदि से इस सभ्यता के अवशेष मिले हैं |
*कुछ विद्वान आर्य, कुछ विद्वान द्रविड़ तो कुछ विद्वान सुमेरियन को सिंधु सभ्यता के निर्माता मानते हैं |
*सिंधु सभ्यता से प्राप्त स्थलो मे 6 बड़े नगर हड़प्पा, मोहन जोदड़ो, गणवालीवाला, धौलावीरा, राखीगढ़ी, एवं काली बंगा मिले |
*सर्वाधिक सैंधव स्थल गुजरात मे पाये गये हैं |
*लोथल एवं सुतकोदता सिंधु सभ्यता के बंदरगाह थे |
*मोहन जोदड़ो से नर्तकी की कास्य मूर्ति एवं अन्नागार प्राप्त हुआ है |
*मोहन जोदड़ो से प्राप्त स्नानागार के मध्य स्थित स्नान कुण्ड की लम्बाई 11.88 मी. , चौडाई 7.01 मी. , एवं गहराई 2.43 मी. है |
*लोथल तथा कालीबंगा से अग्निकुण्ड प्राप्त हुए हैं |
*हड़प्पा की मोहरो पर सबसे अधिक एक सिंघ वाले पशु का अंकन है |
*सिंधु सभ्यता की लिपि भाव चित्रात्मक है | यह लिपि दाई से बाई ओर तथा अगली पंक्ति मे बाई से दाई ओर लिखी जाती है |
*सिंधु सभ्यता आद्य ऐतिहासिक एवं कास्य युगीन सभ्यता थी |
*सिंधु सभ्यता नगरीय सभ्यता थी | नगर की गलिया एवं सड़के सीधी थी, तथा एक दूसरे को समकोण पर काटती थी |
*सिंधु सभ्यता के आवास कच्चे तथा पक्के दोनो प्रकार के थे | घरो के दरवाजे मुख्य सड़क पर न खुल कर पिछवाड़े गली मे खुलते थे |
*हड़प्पा एवं मोहन जोदड़ो मे 7 X 14 X 28 सेमी. की ईंटो की अधिकता है |
*मोहन जोदड़ो को मृतको का टीला कहा जाता है |
*काली बंगा का अर्थ काले रंग की चुड़ियां होता है |
*हड़प्पा सभ्यता का समाज मातृ सत्तात्मक था | खेती तथा पशु पालन मुख्य व्यवसाय थे | गेहू तथा जौ मुख्य फसले थीं |
*चावल की खेती के साक्ष्य लोथल से प्राप्त हुए हैं |
*सैंधव निवासी शाकाहारी तथा मांसाहारी दोनो प्रकार के भोजन ग्रहण करते थे | गेहू,जौ,दाल,दूध,दही,आदि मुख्य खाद्य पदार्थ थे |
*सिंधु सभ्यता के लोग मनोरंजन के लिये नृत्य – संगीत , शिकार आदि का प्रयोग करते थे |
*हड़प्पा मे शवो को दफनाने, एवं मोहन जोदड़ो मे शवो को जलाने की प्रथा थी
*सिंधु निवासी मृतको के साथ दैनिक उपयोग की सामाग्री भी रखते थे |
*बैल, भैस, बकरी, गाय, सूअर, गधे, कुत्ते, बिल्ली, ऊट, हाथी, आदि पालतू पशु थे |
*सिंधु वासी मातृ देवी की उपासना करते थे | पशुपति (शिव) के रूप मे देव पूजा, लिंग तथा योनि पूजा, वृक्ष पूजा, पशु पूजा, मूर्ती पूजा आदि सैंधव धर्म के अंग थे |
*पशुओ मे कूबड़ वाला सांड़ सर्वाधिक महत्वपूर्ण तथा पूजनीय था |
*सिंधु सभ्यता मे कांसा (तांबा तथा जस्ता का मिश्रण) का प्रयोग किया जाता था |
*आर्य वैदिक सभ्यता के निर्माता थे | मैक्समूलर ने आर्यो का मूल निवास स्थान “मध्य एशिया” को माना |
*आर्यो की भाषा संस्कृत थी |
*आर्यो का समाज पितृ प्रधान था |
*गार्गी, अपाला, घोषा, लोपामुद्रा, सिकता, एवं विश्वास जैसी विद्वान महिलाएं इस काल मे थीं |
*आर्यो का मुख्य व्यवसाय खेती तथा पशुपालन था | सर्वाधिक प्रिय पशु घोडा तथा प्रिय देवता इंद्र थे |
*वैदिक सभ्यता लौह युगीन सभ्यता थी, इस काल मे लोहे की खोज हुई |
*अग्नि को मानव तथा देवताओ का मध्यस्थ माना जाता था |
*उत्तर वैदिक काल मे इंद्र के स्थान पर प्रजापति की पूजा होती थी |
*वैदिक सभ्यता ग्राम प्रधान थी, ये युद्ध प्रिय तथा प्रकृति के उपासक थे |
*आर्य सोम रस का प्रयोग करते थे |
*वर्ण व्यवस्था सभ्यता का मूल आधार थी |
*सत्यमेव जयते मूण्डकोपनिषद से लिया गया है |
*उपनिषदो की कुल संख्या 108 , महापुराणो की संख्या 18 , तथा वेदांगो की संख्या 6 है |
*रामायण तथा महाभारत दो महाकाव्य हैं | महाभारत का पूराना नाम “जय संहिता” है | यह विश्व का सबसे बड़ा महाकाव्य है |
*उत्तर वैदिक काल मे जादू- टोना, भूत-प्रेत, तंत्र-मंत्र का अधिक प्रचलन था |
*ई.पू. छठी शताब्दी विश्व इतिहास मे धार्मिक क्रांति का युग रहा |
*जैन धर्म भारत का प्राचीनतम धर्म है |
*जैन धर्म के प्रथम तीर्थकर एवं संस्थापक ऋषभ देव थे |
*जैन धर्म मे कुल 24 तीर्थकर हुए, महावीर स्वामी 24 वे तीर्थकर थे |
*महावीर स्वामी को जैन धर्म का वास्तविक संस्थापक माना जाता है |
*जैन धर्म मे कर्म से छूटकारा पाने के लिये त्रिरत्न का पालन अनिवार्य माना गया है | ये त्रिरत्न है – 1 सम्यक दर्शन, 2 सम्यक ज्ञान, 3 सम्यक आचरण |
*महावीर ने पांच महा व्रतो का उपदेश दिया | ये पांच महाव्रत हैं- 1 सत्य, 2 अहिंसा, 3 अस्तेय, 4 अपरिग्रह, 5 ब्रम्हचर्य | शुरू के 4 महाव्रत 23 वे तीर्थकर पारश्व नाथ के हैं, अंतिम महाव्रत महावीर ने जोड़ा |
*जैन धर्म अनिश्वरवादी है |
*महावीर स्वामी का जन्म कुण्डग्राम (वैशाली) मे एक क्षत्रिय परिवार मे हुआ |
*इनका जन्म 540 ई.पू. एवं निर्वाण 468 ई.पू. पावापुरी मे हुआ |
*महावीर स्वामी के बचपन का नाम वर्द्धमान था | इनके पिता का नाम सिद्धार्थ और माता का नाम त्रिशला था
*30 वर्ष की आयु मे महावीर ने गृह त्याग किया, तथा 12 साल की कठिन तपस्या की बाद जम्भिय ग्राम के निकट ऋजुपालिका की सरिता के तट पर इन्हे ज्ञान की प्राप्ति हुई |
*इंद्रियो को जितने के कारण ये जिन तथा पराक्रमी होने के कारण महावीर कहलाये |
*72 वर्ष की आयु मे राजगृह के पास पावापुरी मे इन्हे निर्वाण की प्राप्ति हुई | राजगृह बिहार मे है |
*महावीर की मृत्यु के बाद जैन धर्म दो संप्रदायों मे बट गया | एक मत श्वेताम्बर कहलाया; जिसके समर्थक स्थूल भद्र हुए, ये श्वेत वस्त्र धारण करते थे, ये पारश्व नाथ के अनुयायी थे | दूसरा मत दिगम्बर कहलाया जिसके समर्थक भद्र बाहु हुए, ये वस्त्र हीन रहते थे, ये महावीर के अनुयायी थे |
*महावीर पुनर्जन्म एवं कर्मवाद मे विश्वास करते थे |
*महावीर ने अपना उपदेश प्राकृत (अर्धमाग्धी) भाषा मे दिया |
*ऋषभ देव तथा जैन धर्म का प्रतीक चिन्ह साढ़ है |
*महावीर का प्रतीक चिन्ह सिंह है |
*महावीर का प्रथम अनुयायी उनका दामाद जामिल था |
*मल्लराजा सृप्तिपाल के राज प्रसाद मे महावीर को निर्वाण प्राप्त हुआ |
*जैन धर्म के प्रवर्तक राजाओ मे – उदयिन, चंद्रगुप्त मौर्य, कलिंग नरेश, चंदेल शासक एवं अमोष वर्ष थे |
*खजुराहो मे जैन मंदिरो का निर्माण चंदेल शासको ने किया |
*मौर्योत्तर युग मे मथुरा जैन धर्म का प्रसिद्ध केंद्र था |
*जैन तीर्थकरो की जीवनी भद्र बाहु द्वारा रचित कल्पसूत्र मे है |
*प्रथम जैन संगिति 300 ई.पू. पाटलिपुत्र मे स्थूल भद्र की अध्यक्षता मे हुई |
*द्वितिय जैन संगिति 6 वी शताब्दी मे बल्ल्भी (गुजरात) मे क्षमा श्रवण की अध्यक्षता मे हुई |
*बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध थे | इन्हे एशिया का ज्योति पुंज कहते हैं |
*गौतम बुद्ध का जन्म 563 ई.पू. मे कपिल वस्तु के निकट लुम्बिनी नामक ग्राम मे, तथा इनकी मृत्यु 483 ई.पू. मे 80 वर्ष की अवस्था मे कुशीनगर देवरिया उ.प्र. मे चुंद द्वारा अर्पित भोजन करने के पश्चात हो गयी |
*इनके बचपन का नाम सिद्धार्थ था, पिता का नाम शुद्धोधन तथा माता का नाम महामाया था, इनकी पत्नी का नाम यशोधरा एवं पुत्र का नाम राहुल था |
*कपिल वस्तु की सैर पर इन्होने बूढ़ा व्यक्ति, बीमार व्यक्ति, शव तथा एक सन्यासी देखा |
*सिद्धार्थ ने 29 वर्ष की आयु मे गृह त्याग किया जिसे महाभिनिष्क्रण कहा जाता है |
*6 वर्ष की कठिन तपस्या के बाद 35 वर्ष की आयु मे वैशाख की पूर्णिमा की रात निरंजना (फाल्गु) नदी के तट पर उरूबेला नामक स्थान पर पीपल के वृक्ष नीचे इन्हे ज्ञान प्राप्त हुआ | यह स्थान बोध गया कहलाया |
*बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश सारनाथ ऋषिपत्तनम मे दिया | इस घटना को बौद्ध ग्रंथो मे “धर्म चक्र प्रवर्तन” कहा गया | बुद्ध ने अपना उपदेश पालि भाषा मे दिया |
*बुद्ध ने अपना सर्वाधिक उपदेश कोशल देश की राजधानी श्रावस्ती मे दिया |
*बुद्ध के देहावसान की घटना को बौद्ध धर्म मे महापरिनिर्वाण कहा गया है |
*सम्राट अशोक एवं कनिष्क ने इसे राजकीय धर्म बनाया था |
*महापरिनिर्वाण के बाद बुद्ध के अस्थि अवशेषो को 8 भागो में विभक्त किया गया एवं मगध के शासक अजातशत्रु तथा इस क्षेत्र के गणराज्यों द्वारा स्तूप निर्माण कर इसे सुरक्षित रखा गया |
*बौद्ध धर्म के विषय मे विशद ज्ञान पालि त्रिपिटक से प्राप्त होता है
*बौद्ध धर्म अनिश्वरवादी है, इसमे पुनर्जन्म की मान्यता है |
*बौद्ध धर्म के दो अनुयायी समुदाय हैं, एक भिक्षुक दूसरा उपासक |
*बौद्ध धर्म के प्रचार के लिये सन्यास ग्रहण करने वाले को भिक्षुक, तथा गृहस्थ जीवन के साथ बौद्ध धर्म अपनाने वाले को उपासक कहा गया |
*बौद्ध संघ मे सामिल होने की उम्र 15 वर्ष थी, एवं इस प्रक्रिया को उपसम्पदा कहा जाता था |
*बौद्ध धर्म के त्रिरत्न – बुद्ध, धम्म, एवं संघ हैं |
*चतुर्थ बौद्ध संगीति के बाद बौद्ध धर्म (कनिष्क के समय मे) दो भागों हीन यान एवम् महा यान मे विभक्त हो गया |
*हीन यान बौद्ध धर्म का मूल था, एवं महायान नवीन रूप है |
*महायान आत्मा, पुनर्जन्म, तिर्थों एवं मूर्ति पूजा मे विश्वास करता है |
*धार्मिक जुलुस का प्रारम्भ सबसे पहले बौद्ध धर्म द्वारा किया गया |
*बौद्धों का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार “वैशाख पूर्णिमा” है, इसे बुद्ध पूर्णिमा कहते हैं | बुद्ध पूर्णिमा को ही बुद्ध का जन्म एवं मृत्यु हुई |
*बुद्ध ने चार आर्य सत्यों ,दु:ख, दु:ख समुदाय, दु:ख विशेष, तथा दु:ख निरोध गामिनी प्रतिपदा का उपदेश सांसारिक दु:खों के बारे में दिया |
*सांसारिक दु:खों से छुटकारा पाने के लिये बुद्ध ने अष्टांगिक मार्ग – सम्यक दृष्टि, सम्यक संकल्प, सम्यक वाक, सम्यक कर्मांत, सम्यक आजीव, सम्यक व्यायाम, सम्यक स्मृति तथा सम्यक समाधि का उपदेश दिया |
*बौद्ध धर्म के अनुयायी शासकों मे – अशोक, कनिष्क, बिम्बिसार, प्रसेनजित, तथा उदयिन थे |
*सर्वाधिक बुद्ध मूर्तियों का निर्माण गांधार शैली मे महायान शाखा के अंतर्गत किया गया है |
*मूर्ति एवं शिल्प कला के क्षेत्र मे बौद्ध धर्म का योगदान रहा है |
*गुहा, मंदिर, स्तम्भ,एवं स्तूप बौद्ध धर्म की ही देन हैं |
*इस धर्म पर आधारित कथाओं के चित्रण मे अजंता, एलोरा, बाघ की गुफाएं आज भी विश्व मे कलात्मक सौंदर्य के लिये विख्यात हैं |
*सारनाथ, भरहुत, सांची, मथुरा, नासिक बौद्ध कला के प्रमुख केंद्र हैं |
*ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह हैं | ईसाई धर्म का प्रमुख ग्रंथ बाइबिल है, ईसा मसीह का जन्म जेरूसलम के पास बेथलहम नामक स्थान पर हुआ था | इनके पिता का नाम जोजेफ, तथा माता का नाम मेरी था | इनके जन्म दिवस को क्रिसमस के रूप मे मनाते हैं |
बुद्ध के जीवन से सम्बंधित प्ततीक
घटना
|
प्रतीक
|
जन्म
|
कमल एवं साड़
|
गृह त्याग
|
घोड़ा
|
ज्ञान
|
पीपल (बोधि वृक्ष)
|
निर्वाण
|
पद चिन्ह
|
मृत्यु
|
स्तूप
|
बौद्ध संगीतियां
संगीति
|
समय
|
स्थान
|
अध्यक्ष
|
शासनकाल
|
प्रथम
|
483 ई.पू.
|
राजगृह
|
महाकश्यप
|
अजात शत्रु
|
द्वितीय
|
383 ई.पू.
|
वैशाली
|
सबाकामी
|
कालाशोक
|
तृतीय
|
251 ई.पू.
|
पाटलिपुत्र
|
मोग्गलिपुत्ततिस्स
|
अशोक
|
चतुर्थ
|
ई. की प्रथम शताब्दी
|
कुण्डलवन
|
वसुमित्र/अश्वघोष
|
कनिष्क
|
*सिक्ख सम्प्रदाय की स्थापना गुरु नानक ने की, इन्होने पंगत (लंगर) स्थापित किया |
*सिक्खो के पांचवे गुरू अर्जुन देव ने धार्मिक ग्रंथ/आदि ग्रंथ (गुरू ग्रंथ साहिब) की रचना की |
*जहाँगीर ने सिक्खों के पांचवे गुरू अर्जुन देव को फांसी दे दी |
*सिक्खो के छठवे गुरू हरगोविंद ने अकाल तख्त (ईश्वर के सिंहासन) की स्थापना की |
*सिक्खो के सातवे गुरू हरराय ने दाराशिकोह को आशिर्वाद दिया |
*औरंगजेब ने सिक्खों के नौवे गुरू तेग वहादुर की हत्या करवा दी |
*सिक्खो के दसवें एवं अंतिम गुरू गोविंद सिंह ने पांच ककार अनिवार्य किया, तथा नाम के साथ सिंह जोड़ने की अनुमाति दी | इन्होने अपने को सच्चा पादशाह कहा | इन्होने खालसा पंथ की स्थापना की | इन्होने बताया कि गुरू वाणी सिक्ख सम्प्रदाय के लिये गुरू का कार्य करेगी |
*इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मुहम्मद साहब थे, इनका जन्म मक्का मे एवं मृत्यु मदीना मे हुई | इनके पिता का नाम अब्दुल्ला एवं माता का नाम अमीना था | हीरा नामक गुफा मे इन्हे ज्ञान प्राप्त हुआ | मक्का से मदीना की यात्रा को मुस्लिम संवत या हीजरी संवत कहते हैं | इनकी मृत्यु के पश्चात इस्लाम सिया एवं सुन्नी दो समुदायों मे बट गया |
*ईसाई धर्म का सबसे पवित्र चिन्ह क्राँस है |
*पारसी धर्म के पैगम्बर जरथुस्त्र थे | पारसियो का धार्मिक ग्रंथ अवेस्ता है |
*बुद्ध के जन्म से पूर्व भारत 16 जनपदों मे बटा हुआ था | इनकी जनकारी बौद्ध ग्रंथ अंगुत्तर निकाय से मिलती है |
प्रमुख महा जनपद एवं उनकी राजधानी
महा जनपद
|
राजधानी
|
आधुनिक स्थान
|
कोशल
|
श्रावस्ती
|
फैजाबाद (उ.प्र.)
|
अंग
|
चम्पा
|
भागलपुर (बिहार)
|
मगध
|
गिरिव्रज/राजगृह
|
पटना,गया (बिहार)
|
वत्स
|
कौशम्बी
|
इलाहाबाद (उ.प्र.)
|
गांधार
|
तक्षशीला
|
रावलपिण्डी पेशावर (पाक.)
|
*मगध के सबसे प्रचीन वंश का संस्थापक वृहद्रथ था |
*हर्षक वंश का संस्थापक बिम्बिसार था | यह बुद्ध का समकालीन था |
*महात्मा बुद्ध की सेवा मे बिम्बिसार ने राज वैद्य जीवक को भेजा |
*बिम्बिसार की हत्या उसके पुत्र अजात शत्रु ने कर दी | इसका उप नाम कुणिक था |
*हर्षक वंश का अंतिम राजा उदयिन का पुत्र नागदशक था |
*नागदशक को उसके अमात्य शिशुनाग ने अपदस्त करके शिशुनाग वंश की स्थापना की |
*शिशुनाग ने अपनी राजधानी पटलिपुत्र से हटाकर वैशाली मे स्थापित किया |
*शिशुनाग वंश का अंतिम शासक नंदिवर्धन था |
*नंद वंश का संस्थापक महापद्म नंद था |
*नंद वंश का अंतिम शासक घनानंद था | यह सिकंदर का समकालीन था | इसे चंद्र गुप्त मौर्य ने युद्ध मे पराजित किया और मगध पर एक नये वंश की स्थापना की |
*बिम्बिसार ने वैवाहिक सम्बंधो से अपनी राजनीतिक स्थिती मजबूत की |
*उदयिन ने पटना की स्थापना की |
*सिकंदर मकदूनिया के शासक फिलीप का पुत्र था |
*सिकंदर के गुरू का नाम अरस्तु था |
*सिकंदर ने भारत विजय अभियान 326 ई.पू.मे प्रारम्भ किया |
*सिकंदर का सेनापति सेल्यूकस निकेटर था |
*सिकंदर को पंजाब के शासक पोरस के साथ 326 ई.पू. मे युद्ध करना पडा, इसे हाइडेस्पीज के युद्ध या झेलम (विस्तवा) का युद्ध के नाम से जाना जाता है
*सिकंदर की सेना ने व्यास नदी को पार करने से इंकार कर दिया |
*सिकंदर का स्थल मार्ग द्वारा भारत से वापस लौटते समय 323 ई.पू. मे बेबीलोन मे 33 वर्ष की आयु मे मृत्यु हो गयी |
*सिकंदर का जल सेना पति निर्याकस था |
*मौर्य वंश का संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य था |
*घनानन्द को हराने मे चाणक्य ने चंद्रगुप्त की मदद की जो बाद मे चंद्रगुप्त का प्रधानमंत्री बना |
*चाणक्य (कौटिल्य/विष्णुगुप्त) द्वारा लिखित पुस्तक “अर्थ शास्त्र” है, जिसका सम्बंध मौर्य कालीन इतिहास से है |
*कल्हण द्वारा रचित पुस्तक “राजतरंगिणी” है, इसका सम्बंध कश्मीर के इतिहास से है |
*चंद्रगुप्त जैन धर्म का अनुयायी था |
*चंद्रगुप्त ने 305 ई.पू. मे सेल्यूकस निकेटर को हराया |
*चंद्रगुप्त ने भद्र बाहु से जैन धर्म की दीक्षा ली |
*चंद्रगुप्त की मृत्यु 298 ई.पू. मे हुई |
*चंद्रगुप्त मौर्य का उत्तराधिकारी बिंदुसार हुआ |
*सिकंदर के सेनापति सेल्यूकस निकेटर का राजदूत चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार मे रहता था; जिसका नाम मेगस्थनीज था |
*मेगस्थनीज ने इंडिका नामक पुस्तक लिखी जिसमे तत्कलीन भारत की राजनीतिक, सामाजिक आदि स्थिती का वर्णन है |
*बिंदुसार का दूसरा नाम अमित्र खण्ड या अमित्र घात था |
*वायु पुराण मे बिंदुसार को भद्र सार या वारिसार कहा गया है |
*सीरियन नरेश एण्टियोकस ने बिंदुसार के दरबार मे डाइमेकस नामक राजदूत भेजा, इसे मेगस्थनीज का उत्तराधिकारी माना जाता है |
*जैन ग्रंथो मे बिंदुसार को सिंह सेन कहा गया है |
*बिंदुसार की मृत्यु के पश्चात मौर्य वंश (मगध) का शासक सम्राट अशोक बना |
*अशोक ने 261 ई.पू. मे कलिंग (उड़िसा) पर आक्रमण किया और उसकी राजधानी तोसली पर अधिकार कर किया |
*कलिंग युद्ध के रक्तपात को देख कर अशोक ने युद्ध की नीति छोड़ कर धम्म की नीति का पालन किया |
*उपगुप्त नामक बौद्ध भिक्षु ने अशोक को बौद्ध धर्म की दीक्षा दी |
*अशोक ने चार गुफाओं – कर्ज, चोपर, सुदामा एवं विश्व झोपड़ी का निर्माण कराया |
*अशोक ने बौद्ध धर्म के प्रचार के लिये अपने पुत्र महेंद्र एवं पुत्री संघ मित्रा को श्रीलंका भेजा | इन्होने पालि भाषा मे प्रचार किया |
*भारत मे शिलालेख का प्रचलन सर्वप्रथम अशोक ने किया |
*अशोक के शिला लेखों की संख्या – 14 है | इनकी लिपि ब्रम्ही (भारत में), खरोष्टी, अरामाईक तथा ग्रीक है |
*अशोक के कलिंग युद्ध तथा हृदय परिवर्तन की जानकारी उसके 13 वें शिलालेख से मिलती है |
*अशोक के अभिलेखों को पढ़ने मे पहली सफलता 1837 ई. मे जेम्स प्रिंसेस को हुई |
*अशोक के शिलालेख की खोज टी फेंथलर ने की |
*अशोक के स्तम्भ लेखों की संख्या 7 है, जो ब्राम्ही लिपी मे लिखे गये हैं |
*कौशाम्बी अभिलेख को रानी का स्तम्भ कहा जाता है |
*अशोक का सबसे छोटा स्तम्भ लेख रूम्मिदेई है | अशोक का 7 वाँ अभिलेख सबसे बड़ा है |
*सांची का स्तूप (म.प्र.) का निर्माण अशोक ने कराया |
*श्रीनगर की स्थापना विस्तवा नदी के तट पर अशोक ने की |
*अशोक के गुरू मोगलितुत्रतिस्स थे |
*पुराणों मे अशोक को अशोक वर्द्धन कहा गया है | अशोक का अन्य नाम देवनाम प्रिय एवं प्रियदर्शी है |
*मौर्य वंश का अंतिम शासक वृहद्रथ था | इसकी हत्या करके सेना पति पुष्यमित्र शुंग ने मगध पर शुंग वंश की नीव डाली |
*पुष्य मित्र शुंग ने मगध पर शुंग वंश की स्थापना की | वह ब्राम्हण जाति का था | इस वंश का अंतिम शासक देवभूति था |
*वसु देव ने कण्व वंश की स्थापना की |
*सिमुक ने सुशर्मा की हत्या कर सातवाहन वंश की स्थापना की |
*ब्राम्हणों को भूमि अनुदान की प्रथा सात वाहनों ने शुरू की |
*सातवाहनों की कृति – अजंता-एलोरा की गुफाओं का निर्माण, एवं अमरावली कला का विकास है |
*भरहूत स्तूप का निर्माण पुष्य मित्र शुंग ने करवाया |
*भारत पर विदेशी आक्रमण कर्ता के रूप मे सबसे पहले हिंद, यूनानी, शक, पहलव, फिर कुषाण आये |
*भारत मे सबसे पहले हिंद यूनानियो ने ही सोने के सिक्के जारी किये |
*कुषाण वंश का संस्थापक कुजुल कडफिसेस था | इस वंश का सबसे प्रतापी राजा कनिष्क था |
*कनिष्क ने 78 ई. मे एक शक संवत् चलाया जिसे भारत सरकार द्वारा प्रयोग मे लाया जाता है |
*कनिष्क बौद्ध धर्म के महायान सम्प्रदाय का अनुयायी था |
*चरक कनिष्क का राज्य वैद्य था, इसने चरक संहिता की रचना की |
*वसु मित्र द्वारा रचित महाविभाष सूत्र को बौद्ध धर्म का विश्व कोष कहा जाता है
*कनिष्क के राजकवि अश्वघोष ने बौद्धो के रामायण बुद्ध चरित की रचना की |
*नागार्जुन को भारत का आइंसटीन कहा जाता है | ये कनिष्क के दरबारी थे |
*नागार्जुन की पुस्तक माध्यमिक सूत्र है, जिसमे सापेक्षता का सिद्धांत प्रस्तुत किया गया था |
*कुषाण वंश का अंतिम शासक वसुदेव था |
*गांधार शैली एवं मथुरा शैली का विकास कनिष्क के शासन काल मे हुआ |
*गांधार शैली यूनानियो की देन है |
*गुप्त काल को प्राचीन भारतीय इतिहास का स्वर्ण काल कहा जाता है | इस वंश की जानकारी समुंद्रगुप्त के प्रयाग प्रशस्ति एवं स्कंद गुप्त के भीतरी स्तम्भ से मिलती है |
*गुप्त वंश का संस्थापक श्रीगुप्त था |
*गुप्त वंश का प्रथम महान सम्राट चंद्रगुप्त प्रथम था | इसने महाराजाधिराज की उपाधि ग्रहण की, एवं राजा रानी प्रकार के सिक्के चलाये | इसने 319- 20 ई. मे गुप्त संवत् की शुरूआत की |
*चंद्रगुप्त प्रथम का उत्तराधिकारी समुंद्रगुप्त हुआ | समुंद्र गुप्त को भारत का नेपोलियन कहा जाता है |
*समुंद्रगुप्त के दरबारी कवि हरिषेण ने इलाहाबाद प्रसस्ति लेख की रचना की |
*समुद्रगुप्त ने अश्वमेध कर्ता, विक्रमांक, एवं कविराज की उपाधि धारण की |
*समुद्रगुप्त ने अश्वमेध यज्ञ किया |
*समुंद्रगुप्त संगीत प्रेमी था इसका अनुमान वीणा बजाते हुए मुद्रा के सिक्के से चलता है |
*समुंद्रगुप्त का उत्तराधिकारी चंद्रगुप्त द्वितीय हुआ |
*चंद्रगुप्त द्वितीय के शासन काल मे चीनी यात्री फाह्यान भारत आया |
*शकों पर विजय के उपलक्ष्य मे चंद्रगुप्त द्वितीय ने चाँदी के सिक्के चलाया |
*शकों पर विजय के उपलक्ष्य मे चंद्रगुप्त द्वितीय ने 58 ई.पू. मे एक संवत विक्रम संवत् चलाया |
*चंद्रगुप्त द्वितीय ने विक्रमादित्य की उपाधि धारण की |
*विक्रमादित्य के दरबार मे कालिदास, धंवंतरि, वाराहमिहीर जैसे रत्न थे |
*विक्रमादित्य के शासन काल को स्वर्ण काल कहते हैं |
*चंद्रगुप्त द्वितीय का उत्तराधिकारी कुमार गुप्त हुआ |
*नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना कुमार गुप्त ने कराया |
*अंतिम गुप्त शासक भानु गुप्त था |
*गुप्तकाल मे उज्जैन सर्वाधिक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र था |
*गुप्त राजाओं ने सर्वाधिक स्वर्ण मुद्राएं जारी की |
*गुप्त कालीन वैष्णव धर्म से सम्बंधित सबसे महत्वपूर्ण अवशेष देव गढ़ (झांसी) का दशावतार मंदिर है |
*मेहरौली (दिल्ली) मे स्थित राजाचंद्र के लौह स्तम्भ का निर्माण चंद्रगुप्त द्वितीय ने कराया था |
*गुप्तकालीन चित्रकला का सर्वश्रेष्ठ नमुना अजंता-एलोरा एवं बाघ की गुफाएं हैं |
*अजंता की 29 मे से 6 गुफाएं ही शेष हैं | जिसमे गुफा संख्या 16 एवं 17 गुप्त कालीन हैं |
*गुफा संख्या 17 के चित्र को चित्र शाला कहा गया है | इसमे बुद्ध के जन्म, जीवन, महाभिनिष्क्रमण एवं महापरिनिर्वाण की घटनाओं का चित्रण है |
*गुप्त काल मे निर्मित अन्य गुफा बाघ की गुफा है, जो ग्वालियर के समीप बाघ नामक स्थान पर विंध्याचल पर्वत को काटकर बनायी गयी है
*चंद्रगुप्त द्वितीय के शासन काल मे संस्कृत के सबसे प्रसिद्ध कवि काली दास रहते थे, जिनकी रचनाएं-रघुवंश महाकाव्य, मेघदूत, ऋतु संहार, गीतिकाव्य, विक्रमोर्वशीय तथा अभिज्ञान शाकुंतलम हैं |
*विशाख दत्त ने मुद्रा राक्षस एवं देवी चंद्रगुप्तम नामक संस्कृत नाटकों की रचना की |
*भारवि ने किरातार्जुनीय तथा भट्टि ने रावणवध की रचना की |
*चंद्रगुप्त द्वितीय के दरबार मे प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य धंवंतरि रहते थे |
*गुप्त काल मे विष्णुशर्मा द्वारा रचित संस्कृत ग्रंथ पंचतंत्र संसार का सर्वाधिक प्रचलित ग्रंथ है |
*आर्यभट्ट ने आर्यभट्टीयम एवं सूर्य सिद्धांत नामक ग्रंथ लिखा | इन्होने ही सर्वप्रथम बताया कि पृथ्वी सूर्य के चारो ओर घूमती है |
*पाइथागोरस ने सबसे पहले बताया कि पृथ्वी गोल है |
*मंदिर बनवाने की कला का जन्म गुप्त काल मे हुआ |
*गुप्त वंश के पतन के बाद पुष्य भूति वंश का शासन हुआ | इसका संस्थापक पुष्यभूति था | इसकी राजधानी थानेश्वर थी |
*हर्ष के पिता का नाम प्रभाकरवर्धन था | हर्ष की बहन का नाम राज्यश्री था |
*हर्ष को शिलादित्य के नाम से भी जाना जाता है , इसने परम भट्टारक, महाराजाधिराज, एकाधिराज, चक्रवर्ती एवं परमेश्वर जैसी उपाधियां धारण की |
*चीनी यात्री हुएनसांग हर्ष के समय मे भारत आया |
*हुएनसांग को यात्रियों मे राजकुमार, नीति का पण्डित एवं वर्तमान शाक्यमुनि कहा जाता है |
*हर्ष, पुलकेशिन द्वितीय से नर्मदा के तट पर पराजित हुआ |
*हर्ष ने बौद्ध धर्म के महायान शाखा को राज्याश्रय दिया | हर्ष अपनी दान शीलता के कारण इतिहास मे प्रसिद्ध हैं |
*बाण भट्ट हर्ष के दरबारी कवि थे | इन्होने हर्ष चरित एवं कादम्बरी की रचना की |
*हर्षवर्धन ने स्वयं नागानंद, रत्नावली, एवं प्रियदर्शिका जैसे संस्कृत के प्रसिद्ध नाटकों की रचना की |
*हर्ष को अंतिम हिंदू सम्राट कहा गया है |
*हर्ष ने अपनी राजधानी थानेश्वर से कन्नौज स्थानांतरित किया |
*पल्लव वंश की स्थापना सिंह विष्णु ने की |
*कांची के कैलाश मंदिर (राज सिद्धेश्वर मंदिर) का निर्माण नरसिंह वर्मन द्वितीय ने करवाया था |
*राष्ट्रकूट वंश की स्थापना दंतिदुर्ग ने की |
*एलोरा के प्रसिद्ध कैलाश मंदिर का निर्माण कृष्ण प्रथम ने कराया |
*राष्ट्रकूट वंश का अंतिम शासक कृष्ण तृतीय था |
*कृष्ण तृतीय के दरबारी कवि पोन्न ने शांति पुराण (कन्नण) की रचना की |
*एलोरा एवं एलिफेंटा (महाराष्ट्र) की गुहा मंदिरो का निर्माण राष्ट्रकूटो के समय मे ही हुआ |
*पाल वंश का संस्थापक गोपाल था | इस वंश का सबसे महान शासक धर्म पाल था |
*धर्म पाल ने ही विक्रम शिला विश्व विद्यालय की स्थापना कराया |
*लक्ष्मणसेन की राज्य सभा मे गीत गोविंद के लेखक जयदेव, पवनदूत के लेखक धोयी, एवं ब्राम्हणसरवस्व के लेखक हलायुद्ध रहते थे |
*लक्ष्मण सेन बंगाल का अंतिम हिंदू शासक था |
*चोल वंश की स्थापना विजयालय ने की |
*उड़ीसा के गंग वंश के शासक नरसिंह प्रथम ने कोंणार्क के सूर्य मंदिर का निर्माण कराया |
*परमारवंशी शासक भोज एक महान कवि था, उसने कविराज की उपाधि धारण की |
*भोज ने धार मे एक सरस्वती मंदिर का निर्माण कराया |
*एलोरा मे 34 शैल कृत गुफाएं हैं | एसमे से 1 से 12 तक बौद्ध तथा 13 से 29 तक हिंदु तथा 30 से 34 तक जैन धर्म से सम्बंधित हैं |
*गोपाल ने ओदंतपुरी विश्वविद्यालय की स्थापना की |
*चौहान वंश का संस्थापक वासुदेव था | इस वंश का सबसे अधिक प्रभावशाली एवं अंतिम शासक पृथ्वीराज तृतीय था |
*पृथ्वीराज का राजकवि चंदवरदाई था, जिसने पृथ्वीराजरासो की रचना की |
*पृथ्वी राज ने जयचंद की पुत्री संयोगिता का अपहरण किया |
*गहड़वाल (राठौर) वंश का अंतिम शासक जयचंद था |
*चंदेलों का सबसे शक्तिशाली शासक धंग था | इसी ने विश्वनाथ एवं खजुराहों के प्रसिद्ध मंदिर का निर्माण कराया |
*सोलंकी अथवा चालुक्य वंश के शासक भीम प्रथम के शासन काल मे महमूद गजनवी ने सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण किया | यह आक्रमण 1026 ई. मे हुआ |
*भीम प्रथम के सामंत विमल ने आबू पर्वत पर दिलवाडा का प्रसिद्ध जैन मंदिर बनवाया |
*तराईन का प्तथम युद्ध 1191 ई. मे हुआ , जिसमे पृथ्वी राज ने गोरी को हराया |
*तराईन का द्वितीय युद्ध 1192ई. मे हुआ, जिसमे गोरी ने पृथ्वी राज को हराया |
*चंदवार का युद्ध 1192 ई. मे हुआ, जिसमे गोरी ने जयचंद को हराया |
*मेवाड़ की राजधानी चित्तौड़ थी |
*दिलवाडा मंदिर का निर्माण वास्तु पाल तेज पाल ने कराया |
*भारत पर पहला सफल मुस्लिम (अरब) आक्रमण मुहम्मद बिन कासिम ने 712 ई. मे किया |
*भारत पर अरब वासियों के आक्रमण का मुख्य उद्देश्य धन दौलत लूटना तथा ईस्लाम धर्म का प्रचा- प्रसार करना था |
*महमूद गजनी ने 1001 ई. से 1027 ई. के मध्य भारत पर 17 बार आक्रमण किया | इसमे 1025 – 26 का सोमनाथ (सौराष्ट्र) मंदिर का आक्रमण सबसे प्रसिद्ध है |
*सोमनाथ मंदिर लूट कर जाते समय जाटों ने गजनी पर आक्रमण किया | गजनी का अंतिम आक्रमण 1027 ई. मे जाटों के विरूद्ध था
*अलबरूनी एवं फिरदौसी महमूद गजनी के दरबारी थे |
*1775 ई. में मुहम्मद गोरी ने भारत मे सिंध पर पहला आक्रमण किया |
*गोरी ने भारत के विजित प्रदेशो पर शासन का कार्य भार कुतुबुद्दीन ऐबक को सौप कर गजनी लौट गाया |
*सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कुमार पाल ने कराया |
*भारत मे चिश्ती सिलसिले की शुरूआत ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती ने की |
*बीजापुर के गोल गुम्बद मकबरा का निर्माण मोहम्मद आदिल शाह ने की |
*हैदराबाद स्थित चारमीनार का निर्माण मुहम्मद कुली कुतुब शाह ने कराया |
*गुलाम वंश की स्थापना 1206 ई. मे कुतुबुद्दीन ऐबक ने की |
*कुतुबुद्दीन को लाख बक्श भी कहा जाता था |
*नालंदा विश्वविद्यालय को ऐबक के सहायक सेना पति बख्तियार खिजली ने ध्वस्त किया |
*ऐबक की मृत्यु 1210 ई. मे चौगान खेलते समय घोड़े से गिर कर हो गयी |
*ऐबक ने ख्वाजा बख्तियार काकी की स्मृति मे कुतुब मीनार का निर्माण प्रारम्भ किया |
*कुतुबमीनार की नींव कुतुबुद्दीन ऐबक ने डाली तथा इसे पूरा इल्तुतमिश ने किया |
*ऐबक ने दिल्ली मे ढाई दिन का झोपड़ा नामक मस्जिद का निर्माण कराया |
*इल्तुतमिश ने अपनी राजधानी लाहौर से दिल्ली लाया |
*रजिया सुल्तान भारत की प्रथम महिला मुस्लिम शासिका थी |
*बलबन मंगोलों के आक्रमण से दिल्ली की रक्षा करने मे सफल रहा |
*बलबन ने अपने विरोधियों से निपटने के लिये लौह एवं रक्त की नीति का अनुसरण किया |
*अलाउद्दीन के दरबार मे फारसी के प्रसिद्ध कवि अमीर खुसरो एवं अमीर हसन रहते थे |
*खुसरो प्रसिद्ध सूफी संत शेख निजामुद्दीन औलिया के शिष्य थे |
*सितार एवं तबले के आविष्कार का श्रेय खुसरों को है |
*इन्हे तुतिए हिंद (भारत का तोता) कहा जाता है |
*इल्तुतमिश ने इक्ता प्रणालि चलायी |
*बलबन ने नवरोज उत्सव का प्रारम्भ किया |
*दिल्ली सल्तनत का वास्तविक संस्थापक इल्तुतमिश को माना जाता है |
*शुद्ध अरबी सिक्के इल्तुतमिश ने चलाया था |
*टोपी सिकर अपना जीवन निर्वाह करने वाला सुल्तान नासीरूद्दीन महमूद था
*खिजली वंश का संस्थापक जलालुद्दीन फिरोज खिजली था |
*अलाउद्दीन का मूल नाम गुरशास्य था , इसने सिकंदर द्वितीय सानी की उपाधि धारण की |
*अलाउद्दीन की सर्वाधिक महत्वपूर्ण नीति बाजार नियंत्र नीति थी |
*अलाउद्दीन ने सीधी भर्ती तथा नगद वेतन देने के प्रथा की शुरूआत की | इसने सैनिको के लिये हुलिया लिखने तथा घोड़ा दागने की प्रथा का प्रारम्भ किया |
*अलाउद्दीन पहला शासक था जो भूमि नाप के आधार पर कर का निर्धारण किया, तथा स्थायी सेना रखा |
*मुबारक खिजली दरबार मे कभी कभी स्त्रियों के कपड़े पहन कर दरबार मे आया करता था |
*तुगलक वंश का संस्थापक गयासुद्दीन तुगलक था | इसने नहरों तथा कुओं का निर्माण कराया एवं डाक व्यवस्था की |
*गयासुद्दीन तुगलक ने तुगलका बाद (दिल्ली के पास) की स्थापना की |
*मुहम्मद बिन तुगलक को पागल बादशाह, स्वपन शील एवं रक्त पिपासु कहा जाता था |
*मुहम्मद बिन तुगलक ने अपनी राजधानी दिल्ली से दौलताबाद (देवगीरि) स्थानांतरित की | दोआब मे कर वृद्धि एवं सांकेतिक मुद्रा का प्रचलन किया |
*फिरोज तुगलक ब्राम्हणों पर जजिया कर लगाने वाला पहला मुस्लिम शासक था |
*तुगलक वंश का अंतिम शासक नासिरूद्दीन महमूद तुगलक था |
*सैयद वंश का संस्थापक खिज्र खां था |
*बहमनी राज्य की स्थापना हसन गंगू ने की |
*लोदी वंश का संस्थापक बहलोल लोदी था | इसे दिल्ली पर प्रथम अफगान राज्य स्थापित करने का श्रेय है |
*1504 ई. मे सिकंदर लोदी ने आगरा शहर की स्थापना की | इसने गुलरूखी उप नाम से कविताएं लिखी |
*इब्राहिम लोदी दिल्ली सल्तनत का अंतिम सुल्तान था | इसे 1526 ई. मे पराजित कर भारत मे बाबर ने मुगलवंश की स्थापना की |
*बाबर को भारत पर आक्रमण के लिए निमंत्रण पंजाब के शासक इब्राहिम लोदी के चाचा दौलत खां लोदी ने दिया |
*दिल्ली सल्तनत की राजकीय भाषा फारसी थी |
*तेनाली राम कृष्ण देव राय के दरबारी थे |
*आल्हखण्ड के रचयिता जगनिक थे |
*अमीर खुसरो एवं बाबा गोरखनाथ प्रारम्भिक हिंदी कवि थे |
*सल्तनत काल मे कुतुब मीनार, ढाई दिन का झोपडा, इल्तुतमिश का मकबरा, मुइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह आदि प्रमुख इमारतों का निर्माण हुआ |
*चिश्ती सम्प्रदाय के संस्थापक ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती थे, इस सम्प्रदाय के अन्य संतों मे बख्तियार काकी, बाबा फरीद, निजामुद्दीन औलिया, अमीर खुसरो, एवं मलिक मोहम्मद जायसी थे |
*ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह अजमेर मे स्थित है |
*उत्तर भारत मे भक्ति आंदोलन प्रारम्भ करने का श्रेय रामानंद को दिया जाता है |
*सगुण भक्ति के समर्थकों मे तुलसी दास, सूरदास एवं मीरा प्तमुख है |
*निर्गुण सम्प्रदाय के सबसे प्रसिद्ध कवि कबीर थे, इन्हे भावी उत्तर भारतीय पंथों का आध्यात्मिक गुरू माना जाता है |
*कबीर के उपदेश सबद सिक्खों के आदि ग्रंथ मे संग्रहीत है |
*कबीर की वाणी का संग्रह बीजक है, जो शिष्य धर्म दास द्वारा संकलित है | इसके तीन भाग – रमैनी, साखी, सबद हैं |
*कबीर की भाषा को सधुक्कड़ी कहा गया है |
*कबीर सिकंदर लोदी के समकालीन थे |
*गुरू नानक का जन्म पंजाब के तलवण्डी मे हुआ था, इन्होने सिक्ख धर्म की स्थापना की |
*गोस्वामी तुलसी दास का जन्म उ.प्र. के बादा जिले मे हुआ था | इन्होने राम चरित मानस की रचना की |
*सूरदास कृष्ण भक्ति शाखा से सम्बंधित थे |
*सूफियों का संगठन सिलसिला कहलाता था |
*बाबा फरीद की कुछ रचनाएं गुरू ग्रंथ साहिब मे संकलित हैं |
*हजरत निजामुद्दीन औलिया ने अपने जीवन काल मे दिल्ली के सात सुल्तानों का शासन देखा | “अभी दिल्ली दूर है” ये शब्द औलिया ने गयासुद्दीन तुगलक को कहा |
*विजय नगर सम्राज्य की स्थापना हरिहर एवं बुक्का नामक दो भाईयों ने किया, इसकी राजधानी हप्पी थी |
*विजय नगर साम्राज्य का खण्डहर तुंगभद्रा नदी के तट पर है |
*देव राय द्वितीय को जग बेटर (हाथियों का शिकारी) कहा गया है |
*तुलुव वंश का महान शासक कृष्ण देव राय था |
*कृष्ण देव राय के शासन काल मे तेलगू के 8 सर्वश्रेष्ट कवि रहते थे, जिन्हे अष्टदिग्गज कहा जाता था |
*कृष्ण देव राय के शासन काल को तेलगू साहित्य का क्लासिक युग कहा जाता है |
*सदाशिव राय के शासन काल मे तालिकोट या बन्नी हट्टी का युद्ध हुआ, जिसमे विजय नगर साम्राज्य का पतन हो गया |
*हजारा एवं बिट्ठल स्वामी मंदिर का निर्माण कृष्ण देव राय ने कराया |
*बहमनी साम्राज्य का संस्थापक अलाउद्दीन बहमन शाह (हशन गंगु) था | इसकी राजधानी गुलबर्गा थी |
*जामामस्जिद का निर्माण हुसैन शाह शर्की ने करवाया था |
*लालदरवाजा मस्जिद का निर्माण मुहम्मद शाह ने करवाया था |
*कश्मीर मे शाह मीर ने प्रथम मुस्लिम वंश की स्थापना की |
*जैन-उल-आब्दीन को इसकी धार्मिक सहिष्णुता के कारण कश्मीर का अकबर कहा जाता है | इसने महाभारत एवं राजतरंगीणि का फारसी मे अनुवाद कराया *मुगल वंश का संस्थापक बाबर था |
*पानीपत के प्रथम युद्ध मे बाबर ने पहली बार तुगलक नामा युद्ध नीति एवं तोपखाने का प्रयोग किया |
*इब्राहीम लोदी मध्य काल का प्रथम शासक था जो युद्ध स्थल मे मारा गया |
*बाबर ने अपनी आत्मकथा बाबरनामा की रचना तुर्की भाषा मे की , जिसका अनुवाद बाद मे फारसी भाषा मे अब्दुलरहीम खानखाना ने किया |
*प्रारम्भ मे बाबर के शव को आगरा मे दफनाया गया, बाद मे काबुल मे ले जाकर दफनाया गया |
*बाबर को उसकी उदारता के कारण कलंदर की उपाधि दी गयी |
*खानवा युद्ध मे विजय के बाद बाबर ने गाजी की उपाधी धारण की |
*बाबर की विजयों का प्रमुख कारण तोप खाने का प्रयोग था |
*बाबर का उत्तराधिकारी हमायुँ हुआ |
*हुमायु ने कोहीनूर हीरा ग्वालियर के दिवंगत राजा विक्रमजीत के परिवार से प्राप्त किया |
*चौसा के युद्ध मे हुमायु शेर खां से हार गया | इसी के बाद शेर खां ने शेर शाह की पदवी ग्रहण की |
*बिलग्राम या कन्नौज के युद्ध मे हुमायु की शेर खां से पुन: हार हुई |
*दीनपनाह भवन मे स्थित पुस्तकालय की सीढियों से गिरने के कारण हुमायु की मृत्यु हो गयी |
*हुमायुनामा की रचना गुलबदन ने की |
*शेर शाह के बचपन का नाम फरीद खां था |
*शेर शाह बिलग्राम युद्ध के बाद दिल्ली की गद्दी पर बैठा |
*शेर शाह ने ग्रैंड- ट्रक रोड की मरम्मत करायी |
*शेर शाह की मृत्यु कालिंजर किले को जीतने के क्रम मे उक्का नामक आग्नेय शास्त्र चलाते समय हो गयी |
*मलिक मोहम्मद जायसी शेर शाह के समकालीन थे |
*डाक प्रथा का प्रचलन शेर शाह के द्वारा किया गया | पट्टा प्रथा की शुरूआत शेर शाह ने किया |
*शेर शाह का मकबरा सासाराम मे झील के बीच ऊंचे टीले पर बनाया गया |
*शेर शाह ने दिल्ली के पुराने किले का निर्माण कराया |
*बैरम खां अकबर का संरक्षक था | अकबर ने दास प्रथा का अंत किया | अकबर ने जजिया कर समाप्त किया |
*अकबर ने फतेहपुर सीकरी की स्थापना की एवं राजधानी का आगरा से फतेहपुर सीकरी स्थानांतरण किया |
*अकबर ने इबादत खाने की स्थापना की |
*अकबर ने दीन ए इलाही धर्म की स्थापना की, एवं इलाही संवत की शुरूआत की |
*अकबर के शासन काल के दौरान मेवाड़ के शासक राणा प्रताप तथा मुगल सेना के बीच हल्दी घाटी का युद्ध हुआ, जिसमे मान सिंह के नेतृत्व मे मुगल सेना विजयी रही
*दीन ए इलाही धर्म स्वीकार करने वाला प्रथम एवं अंतिम हिंदू राजा बीरबल था |
*बीरबल के बचपन का नाम महेश दास था |
*अकबर के दरबार मे नवरत्न थे, जिसमे तानसेन, बीरबल, टोडरमल्ल, अब्दुलरहीम खानखाना, राजा मान सिंह, मुल्ला दो प्याजा थे |
*अकबर के दरबार मे अब्दुलस्समद, दसवंत,एवं बसावन चित्रकार थे |
*मनसबदारी प्रथा की शुरूआत अकबर ने की |
*अकबर का मकबरा सिकंदरा मे है |
*अकबर के दरबार मे प्रमुख संगीतकार तानसेन, बाजबहादुर, बाबा राम दास, एवं बैजू बावरा थे |
*प्रसिद्ध सूफी संत शेख सलीम चिश्ती अकबर के समकालीन थे |
*अबुफजल ने अकबरनामा ग्रंथ की रचना की |
*कण्ठा भरण एवं वाणी विलास अकबर ने तानसेन को कहा |
*अकबर के काल को हिंदी साहित्य का स्वर्ण काल कहते हैं |
*बुलंद दरवाजा का निर्माण अकबर ने गुजरात विजय के उपलक्ष्य मे करवाया |
*चार बाग बनवाने की परम्परा अकबर ने शुरू की |
*मुगलों की राजकीय भाषा फारसी थी |
*स्थापत्य कला के क्षेत्र मे अकबर की महत्वपूर्ण कृतियां- दिल्ली मे हमायु का मकबरा, आगरा का लाल किला, दीवाने खास, बुलंद दरवाजा, इबादत खाना आदि हैं |
*जहांगीर के बचपन का नाम सलीम था |
*जहाँगीर को न्याय की जंजीर के लिये याद किया जाता है | जहाँगीर ने न्याय की जंजीर आगरा के किले मे लगवाया था |
*जहाँगीर ने सिक्खों के पांचवे गुरू अर्जुन देव को फांसी दे दी |
*जहंगीर के शासन काल मे मुगल चित्रकला चर्मोत्कष पर थी |
*जहाँगीर के शासन काल मे कैप्टन हाँकिंस,सर टाँमस रो, विलियम फिंच एवं एडवर्ड टैरी जैसे यूरोपीय यात्री आये |
*शाहजहां के शासन काल को स्थापत्य कला का स्वर्ण युग कहा जाता है |
*मयूर सिंहासन का निर्माण शाहजहां ने करवाया |
*अपनी बेगम मुमताज महल के याद मे शाहजहां ने आगरा मे ताज महाल का निर्माण कराया |
*ताजमहल का निर्माण करने वाला मुख्य स्थापत्य कलाकार उस्ताद अहमद लाहौरी था |
*शाहजहां द्वारा बनवायी गयी प्रमुख इमारतें- दिल्ली का लाल किला, दिवाने आम, दिवाने खास, दिल्ली की जामा मस्जिद, आगरा की मोती मस्जिद आदि हैं |
*शाहजहां के पुत्रों मे दाराशिकोह सर्वाधिक विद्वान था , इसने भागवद् गीता, उपनिषद् , एवं रामायण का अनुवाद फारसी मे करवाया |
*उत्तराधिकार के युद्ध मे औरंगजेब ने शाहजहां को बंदी बना लिया |
*आना सिक्के का प्रचलन शाहजहां ने किया |
*औरंगजेब को जिंदा पीर कहा जाता था |
*औरंगजेब ने सिक्खों के नौवे गुरू तेग वहादुर की हत्या करवा दी |
*औरंगजेब ने हिंदुओ पर जजिया कर लगाया |
*औरंगजेब ने हिंदू मन्दिरों को तोड़ने का आदेश दिया |
*औरंगजेब के शासन काल मे सर्वाधिक हिंदू सेनापति थे |
*औरंगजेब की मृत्यु के बाद उसे दौलता बाद के निकट दफनाया गया | उसका मकबरा औरंगाबाद मे स्थित है |
*मुगल काल मे सर्वाधिक रूपयों की ढलाई औरंगजेब के समय मे हुई |
*मराठा सम्राज्य के संस्थापक शिवाजी थे | इनकी राजधानी रायगढ़ थी | यहीं पर इनका राज्याभिषेक हुआ एवं इन्होने छत्रपति की उपाधी धारण की |
*शिवा जी के पिता का नाम शाह जी भोंसले था एवं माता का नाम जीजाबाई था | इनके गुरू एवं संरक्षक दादा जी कोंडदेव थे |
*शिवाजी ने सर्वप्रथम तोरण के किले को जीता | शिवाजी ने गुरिल्ला युद्ध नीति को अपनाया
*शिवाजी के पास 8 मंत्रियों की परिषद् थी, जिसे अष्टप्रधान कहा जाता था |
*शिवाजी एवं राजा जय सिंह के बीच पुंदर की संधि हुई |
*बालाजी विश्वनाथ मराठों के प्रथम पेशवा थे, उन्हे मराठा सम्राज्य का द्वितीय संस्थापक भी कहते हैं |
*बाजीराव प्रथम के समय मे मराठा शक्ति चर्मोत्कर्ष पर थी |
*बालाजी बाजी राव को नाना साहब भी कहते हैं |
*बाजी राव द्वितीय अंतिम मराठा पेशवा थे |
*गुलबदन की रचना- हुमायुनामा, अबुल फजल की रचना- अकबर नामा तथा आइने अकबरी, एवं मलिकमुहम्मद जायसी की रचना- पद्मावत है |
*तख्ते ताऊस (मयूर सिंहासन) पर बैठने वाला अंतिम मुगल शासक मुहम्मद शाह था |
*बहादुर शाह द्वितीय (जफर) अंतिम मुगल शासक था |
*अहमद शाह अब्दाली ने भारत पर 8 बार आक्रमण किया |
*वास्कोडिगामा प्रथम पुर्तगाली (यूरोपीय) व्यक्ति था जिसने भारत मे केरल के कालीकट बंदरगाह पर 1498 ई. मे पहुंचा |
*1505 ई. मे फ्रांसिस्को दि अल्मेडा भारत मे प्रथम पुर्तगाली वायसराय बनकर आया |
*भारत मे पहली पुर्तगाली कोठी कोचिन मे स्थापित हुई |
*भारत मे पहली डच फौक्ट्री मसूलीपट्टनम मे स्थापित हुई |
*अंग्रजों ने पूर्वी तट पर प्रथम व्यापारिक कोठी मसूलीपट्टनम मे एवं पश्चिमी तट पर सूरत मे स्थापित किया |
*पुर्तगालीयों के बाद भारत मे डच आये, प्रथम डच यात्री कार्नेलियन हाउटमैन था जो 1596 मे सुमात्रा पहुंचा |
*भारत मे डचों का अंतिम रूप से पतन अंग्रेजों के साथ हुए वेदरा युद्ध से हुआ
*अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कम्पनी का प्रथम गवर्नर टामस स्मिथ था |
*मुगल दरबार मे जाने वाला प्रथम अंग्रेज कैप्टन हाँकिंस था, जो जहाँगीर के दरबार मे गया था |
*अंग्रेजों ने पश्चिमी तट का मुख्यालय सूरत से हटाकर मुम्बई मे स्थापित किया
*भारत मे फ्रांसिसियों की प्रथम कोठी सूरत मे स्थापित की गयी |
*भारत मे आने वाले विदेशियों का क्रम है- पुर्तगाली- डच- अंग्रेजी- डेनिस- फ्रांसिसी |
*मीर कासिम ने अपनी राजधानी मूर्शिदाबाद से मुंगेर स्थानांतरित किया |
*टीपू सुल्तान हैदर अली का पुत्र था, यह मैसूर का शासक था, इसकी राजधानी श्रीरंगपट्टनम थी |
*मैसूर राज्य की स्थापना हैदर अली ने की |
*प्लासी का युद्ध अंग्रेज सेनापति राबर्ट क्लाईव एवं बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के बीच हुआ, जिसमे नवाब अपने सेनापति मीरजाफर की धोखा-धडी के कारण पराजित हुआ |
*टीपू सुल्तान एवं अंग्रेजों के मध्य श्रीरंगपट्टनम की संधि हुई |
*पुर्तगाली ईस्ट इंडिया कम्पनी की स्थापना 1498 ई. मे हुई |
*अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कम्पनी की स्थापना 1600 ई. मे हुई |
*डच ईस्ट इंडिया कम्पनी की स्थापना 1602 ई. मे हुई |
*फ्रांसिसी ईस्ट इंडिया कम्पनी की स्थापना 1664 ई. मे हुई |
*23 मार्च, 1857 ई. को मंगल पाण्डे नामक एक सैनिक ने बैरकपुर मे गाय की चर्बी मिले कारतूसों को मुह से काटने से स्पष्ट मना कर दिया, फलस्वरूप उसे गिरफ्तार कर 8 अप्रैल 1857 ई. को फासी दे दी गयी |
*10 मई, 1857 ई. के दिन मेरठ की पैदल टुकडी 20NI से 1857 ई. की क्रांति की शुरूआत हुई |
*1857 ई. के क्रांति के समय भारत का गवर्नर लार्ड कैनिन था |
1857 ई. की क्रांति के प्रमुख केंद्र तथा नायक
क्रांति के प्रमुख केंद्र
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नायक
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दिल्ली
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बहादुर शाह जफर, बख्त खां (सैन्य नेतृत्व)
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कानपुर
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नाना साहब, तात्या टोपे (सैन्य नेतृत्व)
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लखनऊ
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बेगम हजरत महल
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झांसी
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रानी लक्ष्मी बाई
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इलाहाबाद
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लियाकत अलि
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जगदीशपुर
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कुँअर सिंह
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फैजाबाद
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मौ. अहमद उल्ला
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*राजा राम मोहन राय को भारतीय धर्म सुधार अथवा पुनर्जागरण का जनक कहा जाता है |
*राजा राम मोहन राय ने 1828 ई. मे ब्रम्ह समाज की स्थापना की | इन्होने वेदांत कालेज एवं हिंदू कालेज की स्थापना की |
*राजा राम मोहन राय ने सती प्रथा समाप्त करने मे महत्वपूर्ण योगदान दिया |
*राजा राम मोहन राय ने संवाद कौमुदी नामक एक बंगाली समाचार पत्र की स्थापना की जो भारतीय समाचार पत्र का जनक है |
*प्रार्थना समाज की स्थापना केशव चंद्र सेन की मदद से आत्माराम पाण्डुरंग ने की |
*आर्य समाज की स्थापना स्वामी दयानंद सरस्वती ने 1875 ई. मे मुम्बई मे की |
*दयानंद सरस्वती का वास्तविक नाम मूलशंकर था |
*दयानंद सरस्वती ने वेदों की ओर लौटो का नारा दिया |
*आर्य समाज का आदर्श वाक्य है- सत्यमेव जयते नानृतम |
*राम कृष्ण मिशन की स्थापना स्वामीविवेकानंद ने किया |
*स्वामीविवेकानंद का वास्तविक नाम नरेंद्र दत्त था |
*स्वामीविवेकानंद रामकृष्ण परमहंस के शिष्य थे |
*विवेकानंद ने 1893 ई. मे शिकागों (अमेरिका) के विश्व धर्म सांसद मे भाग लिया |
*थियोसोफिलक सोसाइटी की स्थापना न्यूयार्क मे कर्नल एच. एस. अल्काट एवं मैडम ब्लावास्की ने की |
*भारत मे थियोसोफिकल की शाखा चेन्नई मे थी |
*एनी बेसेंट ने बनारस मे सेंट्रल हिंदू कालेज की स्थापना की | यहीं कालेज आगे वनारस हिंदू विश्व विद्यालय बना |
*एनी बेसेंट ने होमरूल लीग की स्थापना की |
*अलीगढ़ आंदोलन की शुरूआत सर सैयद अहमद खां ने की |
*सर सैयद अहमद खां ने अलीगढ़ मे एक मुस्लिम एंग्लो ओरियंटल कालेज की स्थापना की, 1920 ई. मे यहीं कालेज अलीगढ़ मुस्लिम विश्व विद्यालय के रूप मे स्थापित हो गया |
*गोपाल कृष्ण गोखले ने भारत सेवक समाज की स्थापना की |
*प्रथम विश्व युद्ध शुरू 28 जुलाई 1914 ई. से हुआ, एवं इसका अंत 11 नवम्बर 1918 ई. को हुआ |
*द्वितीय विश्व युद्ध की शुरूआत 1 सितम्बर 1939 ई. को हुई एवं इसका समापन 2 सितम्बर 1945 ई. को हुआ |
*प्रथम विश्व युद्ध मे भाग लेने वाले कुल 37 देश थे |
*प्रथम विश्वयुद्ध का तत्कालिक कारण आस्ट्रिया के राजकुमार फर्डिनेंड की सेराजेवो मे हत्या थी |
*प्रथम विश्व युद्ध मे धुरी राष्ट्रों का नेतृत्व जर्मनी ने किया | इसमे अन्य देश आस्ट्रिया, हंगरी, एवं इटली थे |
*आस्ट्रिया, जर्मनी एवं इटली के बीच त्रिगुट का निर्माण सन् 1882 ई. मे हुआ
*मित्र राष्ट्रों मे इंगलैंड , जापान, सं.रा.अमेरिका , रूस एवं फ्रांस थे |
*प्रथम विश्व युद्ध के समय अमेरिका के राष्ट्रपति वुडरो विल्सन थे |
*अमेरिका प्रथम विश्व युद्ध मे 6 अप्रैल 1917 को सामिल हुआ |
*18 जून 1919 ई. को पेरिस शांति सम्मेलन हुआ जिसमे कुल 27 देश शामिल थे |
*वर्साय की संधि 28 जून 1919 ई. को जर्मनी एवं मित्र राष्ट्रों के बीच हुई, जो द्वितीय विश्व युद्ध का कारण बनी |
*द्वितीय विश्व युद्ध का तत्कालिक कारण जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण था | इस युद्ध मे कुल 61 देशों ने भाग लिया |
*द्वितीय विश्व युद्ध मे जापान ने धुरी राष्ट्रों का साथ दिया |
*जापान मे प्रथम अणु बम 6 अगस्त 1945 ई. को हिरोशिमा पर गिराया गया |
*जापान मे द्वितीय अणु बम 9 अगस्त 1945 ई. को नागासाकी पर गिराया गया
*14 अगस्त 1945 को जापान ने आत्मसमर्पण किया |
*महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहन दास करम चंद गांधी था | इनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 ई. को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था |
*गांधी जी द.अफ्रिका एक मुकदमे की पैरवी के लिये गये थे |
*गांधी जी के राजनीतिक गुरू गोपाल कृष्ण गोखले थे |
*गांधीजी ने सत्याग्रह का प्रयोग सबसे पहले द.अफ्रीका मे किया था |
*गांधी जी को महात्मा की उपाधि रविंद्रनाथ टैगोर ने दिया |
*गांधी जी ने खिलाफत आंदोलन का नेतृत्व 1920 ई. मे किया |
*गांधी जी ने असहयोग आंदोलन की शुरूआत 1 अगस्त 1920 ई. को की |
*गांधी जी ने ब्रिटिस सरकार द्वारा प्राप्त “केसर ए हिंद” उपाधि को 1920 ई. मे जलियावाला बाग हत्या काण्ड के विरोध मे लौटा दिया |
*यंग इंडिया एवं नवजीवन समाचार पत्रों की स्थापना गांधी जी ने 1919 ई. मे किया |
*गांधी जी ने नमक कानून तोड़ने के लिये साबरमती आश्रम से डाण्डी यात्रा की शुरूआत 12 मार्च 1930 ई. को अपने 78 स्वयं सेवकों के साथ शुरू की |
*करो या मरो का नारा गंधी जी ने भारत छोडो आंदोलन के दौरान 8 अगस्त 1942 ई. को दिया |
*गांधी जी एवं अम्बेडकर के बीच पूना पैक्ट 1932 ई.को हुआ |
*गांधी – इरविन समझौता 1931 ई. मे हुआ |
*गांधी जी को अर्धनग्न फकीर (नंगा फकीर) बिस्टन चर्चिल ने कहा |
*गांधीजी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन 1930 ई. मे किया |
*गांधीजी ने भारत छोडो आंदोलन 8 अगस्त 1942 ई. को शुरू किया |
*सुभाष चंद्र बोस ने महात्मा गांधी को राष्ट्र पिता कहा |
*गांधी जी की हत्या 30 जनवरी 1948 ई. को नाथुराम गोडसे द्वारा कर दी गयी | इनकी समाधि स्थल राजघाट है |
*भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसम्बर 1885 ई. को स्काटलैंड निवासी ए.ओ.ह्यूम द्वारा मुम्बई मे की गयी |
*बंगाल का विभाजन 19 जुलाई 1905 ई. को लार्ड कर्जन द्वारा किया गया |
*बंग- भंग (स्वदेशी) आंदोलन 1905 ई. मे बंगाल विभाजन के विरूद्ध किया गया |
*मुस्लिम लीग की स्थापना 1906 ई. मे आगा खां एवं सलीम उल्ला द्वारा ढाका मे की गयी |
*होमरूल आंदोलन सन् 1916 ई. मे तिलक एवं एनी बेसेंट द्वारा शुरू किया गया |
*रोलेक्ट एक्ट 19 मार्च 1919 को पारित हुआ, इसे कालाकानून भी कहते हैं, इसके तहत संदेह के आधार पर गिरफ्तारी की जाती थी |
*जलियावाला बाग हत्या कांड 13 अप्रैल 1919 ई. को अमृतसर मे जनरल डायर द्वारा किया गया |
*हण्टर कमेटी की रिपोर्ट 20 मई 1920 ई. को आयी जो जलियावाला बाग से सम्बंधित थी |
*असहयोग आंदोलन का प्रारम्भ 1 अगस्त 1920 ई. को कांग्रेस के नागपुर अधिवेशन मे हुआ |
*चौरी- चौरा काण्ड 5 फरवरी 1922 ई. मे गोरखपुर उ.प्र. मे हुआ, जिसके फलस्वरूप गांधी जी ने असहयोग आंदोलन वापस ले लिया |
*स्वराज्य पार्टी की स्थापना 1 जनवरी 1923 ई. को मोती लाल नेहरू एवं चितरंजन दास द्वारा की गयी |
*साइमन कमीशन की नियुक्ती 8 नवम्बर 1927 ई. को की गई, इसमे साइमन की अध्यक्षता मे 7 सदस्यी आयोग गठित किया गया |
*साइमन कमीशन का आगमन 3 फरवरी 1928 ई. को हुआ, जिसका लाला लाजपत राय के नेतृत्व मे विरोध किया गया |
*नमक सत्याग्रह 12 मार्च 1930 ई. से 5 अप्रैल 1930 ई. तक चला , गांधी जी ने साबरमती से डाण्डी जाकर नमक कानून का उलंघन किया |
*सविनय अवज्ञा आंदोलन 6 अप्रैल 1930 ई. से शुरू हुआ |
*मुक्ति दिवस 22 दिसम्बर 1939 ई. को मुस्लिम लीग द्वारा कांग्रेस मंत्री मण्डल के त्याग पत्र देने पर मनाया गया |
*पाकिस्तान की मांग 24 मार्च 1940 ई. को मुस्लिम लीग के लाहौर अधिवेशन मे किया गया |
*अंतरिम सरकार की स्थापना 2 दिसम्बर 1946 ई को किया गया, जिसमे नेहरू प्रधान मंत्री बने |
*गणतंत्र की स्थापना 26 जनवरी 1950 ई. को किया गया, डा. राजेंद्र प्रसाद प्रथम राष्ट्र पति बने |
*प्रथम गोलमेज सम्मेलन 12 नवम्बर 1930 ई. को लंदन मे हुआ | कांग्रेस ने इस अधिवेशन मे भाग नही लिया |
*द्वितीय गोलमेज सम्मेलन 7 सितम्बर 1931 ई. को लंदन मे हुआ | गांधी जी ने इस सम्मेलन मे भाग लिया |
*तृतीय गोलमेज सम्मेलन 17 नवम्बर 1932 ई. को लंदन मे हुआ | कांग्रेस ने इस अधिवेशन मे भाग नही लिया |
*तीनो गोलमेज सम्मेलन मे भाग लेने वाले व्यक्ति डॉ. अम्बेडकर थे |
*भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रथम अधिवशन व्योमेश चंद्र बनर्जी की अध्यक्षता मे मुम्बई मे हुआ |
*कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन मे कुल 72 सदस्य सामिल थे |
*एनीबेसेंट कांग्रेस की प्रथम महिला अध्यक्ष कोलकाता के 33 वें अधिवेशन मे 1917 ई. मे बनी |
*कांग्रेस के प्रथम मुस्लिम अध्यक्ष बदरूद्दीन तैयब जी थे |
*कांग्रेस के प्रथम अंग्रेज अध्यक्ष जार्ज यूले थे |
*कांग्रेस मे पहली फूट सूरत अधिवेशन मे सन् 1907 मे पड़ी (23 वां अधिवेशन), इस अधिवेशन की अध्यक्षता रासबिहारी बोस ने की |
*कांग्रेस की स्थापना के समय मे वायसराय लार्ड डफरिन थे |
*कांग्रेस के बेलगाम (कर्नाटक) अधिवेशन की अध्यक्षता महत्मा गांधी जी ने की (1924 ई. 40 वां अधिवेशन) |
*कांग्रेस की प्रथम भारतीय महिला अध्यक्ष सरोजनी नायडू 1925 ई. के कानपुर अधिवेशन मे बनीं |
*पहली बार स्वराज्य की मांग दादा भाई नौरोजी की अध्यक्षता मे सन् 1906 ई. के कलकत्ता अधिवेशन मे की गयी (22 वां अधिवेशन) |
*पूर्ण स्वराज्य की मांग जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता मे सन् 1929 ई. के लाहौर अधिवेशन मे की गयी |
*जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता मे 1937 ई. का 51 वां अधिवेशन फैजपुर गांव मे हुआ |
*डा. राजेंद्र प्रसाद 1947 ई. के दिल्ली के विशेष अधिवेशन के अध्यक्ष रहे |
*भारत की स्वतंत्रता के समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष जे.बी.कृपलानी थे |
*भारत की स्वतंत्रता के समय ब्रिटेन के प्रधान मंत्री क्लीमेंट एटली थे | वे लेबर पार्टी से सम्बंधित थे |
*स्वतंत्र भारत के प्रथम गवर्नर जनरल “लार्ड माउण्ट बेटन ” थे |
*चक्रवर्ती राजगोपालाचारी प्रथम एवं अंतिम भारतीय गवर्नर जनरल थे |
*बंगाल के गवर्नर को रेग्यूलेटिंग एक्ट के अनुसार गवर्नर जनरल कहा जाने लगा |
*वारेन होस्टिंग बंगाल का पहला गवर्नर जनरल था | इसने द्वैद्ध शासन प्रणाली समाप्त की
*राबर्ट क्लाइव ने बंगाल मे द्वैद्ध शासन व्यवस्था लागू की |
*लार्ड कार्नवालिस ने सिविल सेवायें प्रारम्भ की, इसे नागरिक सेवाओं का जनक कहा जाता है |
*लार्ड वेलेजली ने सहायक संधि की शुरूआत की, इससे पहले इसका प्रयोग फ्रांसिसी गवर्नर डूप्ले ने किया | वेलेजली स्वयं को बंगाल का शेर कहता था | इसने कलकत्ता मे फोर्टबिलियम कालेज की स्थापना की |
*बिलियम बौंटिंग भारत का पहला गवर्नर जनरल था | इसने सती प्रथा का अंत किया |
*मैकाले की अनुशंसा पर अंग्रेजी को शिक्षा का माध्यम बनाया गया |
*डलहौजी को भारतीय रेल का जनक कहा जाता है | इसने नागरिक सेवा हेतु पहली बार प्रतियोगिता शुरू की | इसने डाक टिकट का प्रचलन शुरू किया | इसे हड़प नीति का जनक कहा जाता है |
*लार्ड कैनिन भारत मे कम्पनी द्वारा नियुक्त अंतिम गवर्नर जनरल एवं भारत का प्रथम वायसराय था | 1857 ई. की क्रांति इसी के समय मे हुई |
*विलकिंस ने गीता का अंग्रेजी मे अनुवाद कराया |
*लार्ड मेयो के समय मे भारत की प्रथम जनगणना 1872 ई. मे की गयी |
*लार्ड रिपन के समय मे 1881 ई. से भारत की नियमित जनगणना प्रारम्भ की गयी | फ्लोरिंग नाइटंगेल ने इसे भारत का उद्धारक कहा | इसके शासन काल को ब्रिटिश शासन का स्वर्ण काल कहते हैं |
*लार्ड डफरिंन के समय मे कांग्रेस की स्थापना हुई |
*लार्ड कर्जन के समय मे बंगाल का विभाजन हुआ |
*हार्डिंग द्वितीय के समय मे बंगाल विभाजन को रद्द किया गया |
*चेम्स फोर्ड के समय मे जलिया वाला बाग हत्या काण्ड हुआ |
*माउंट बेटन ब्रिटिश भारत का अंतिम एवं स्वतंत्र भारत का प्रथम गवर्नर जनरल थे |
*पहला अंग्रेज विरोधी संघर्ष सन्यासियों द्वारा शुरू किया, इसका उल्लेख बंकीम चंद्र चटर्जी के उपन्यास आनंद मठ से मिलता है |
*लार्ड कर्जन ने 20 जुलाई , 1905 ई. को बंगाल विभाजन के निर्णय की घोषणा की |
*बंगाल विभाजन के विरोध मे 7 अगस्त 1905 ई. को कोलकाता के टाउन हाल मे स्वदेशी आंदोलन की घोषणा की गई |
*बंगाल विभाजन 16 अक्टूबर 1905 ई. को प्रभावी हुआ |
*स्वदेशी आंदोलन को चलाने के तरीके को लेकर ही कांग्रेस 1907 ई. के सूरत अधिवेशन मे गरम दल एवं नरम दल मे बँट गया | इस सम्मेलन की अध्यक्षता रास बिहारी बोस ने किया |
*स्वामी विवेकानंद सितम्बर 1893 ई. मे अमेरिका के शिकागो नगर मे हो रहे सर्व धर्म सम्मेलन में भाग लिया | इसी के बाद उन्हे तूफानी हिंदू कहा जाने लगा |
*महाराष्ट्र मे विनायक दामोदर सावरकर ने अभिनव भारत नामक संस्था की स्थापना की |
*महाराष्ट्र मे क्रांतिकारी आंदोलन उभारने का श्रेय तिलक के पत्र केशरी को जाता है |
*वायसराय लार्ड हार्डिंग ने 1911 ई. मे दिल्ली मे एक भव्य दरबार का आयोजन इंग्लैंड के सम्राट जार्ज पंचम एवं मेरी के स्वागत मे किया, इस दरबार में – 1. बंगाल विभाजन को रद्द किया गया, 2. राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित करने की घोषणा की गई |
*दिल्ली भारत की राजधानी 1912 ई. मे बनी |
*1915 ई. मे अंग्रेज सरकार ने महात्मा गांधी को कैसर ए हिंद की उपाधि से सम्मानित किया |
*1916 ई. मे गांधी जी ने अहमदाबाद के करीब साबरमती आश्रम की स्थापना की |
*महात्मा गांधी ने पहली बार भूख हड़ताल अहमदाबाद मिल मजदूरों के समर्थन मे किया था |
*19 मार्च 1919 ई. को रोलेक्ट एक्ट लागू किया गया, इसके अंतर्गत किसी भी संदेहास्पद व्यक्ति को बिना मुकदमा चलाये गिरफ्तार किया जा सकता था, परंतु उसके विरूद्ध न कोई अपील, न दलील, न वकील किया जा सकता था |
*13 अप्रैल 1919 ई. को अमृतसर में जलियावाला बाग हत्याकाण्ड हुआ | डा. सतपाल और सैफूद्दीन किचलू की गिरफ्तार के विरोध मे हो रही इस जनसभा पर जनरल डायर ने अंधाधुंध गोली चलवायी |
*जलियावाला बाग हत्या काण्ड के विरोध मे गांधी जी ने केसर ए हिंद की उपाधि,जमना लाल बजाज ने राय बहादुर, एवं रविंद्र नाथ टैगोर ने सर की उपाधि वापस लौटा दी |
*रोलेक्ट ऐक्ट, जलियावाला बाग हत्या काण्ड एवं खिलाफत आंदोलन के उत्तर मे गांधी जी ने 1 अगस्त 1920 ई. को असहयोग आंदोलन प्रारम्भ किया, इसकी पुष्टी नागपुर अधिवेशन मे हुई |
*मुहम्मद अली को सर्वप्रथम असहयोग आंदोलन मे गिरफ्तार किया गया |
*5 फरवरी 1922 ई. को चौरी- चौरा घटना के बाद 11 फरवरी 1922 ई. को गांधी जी ने असहयोग आंदोलन को स्थगित कर दिया |
*सम्भवत: अशफाक उल्ला खां पहले भारतीय क्रांतिकारी थे जो फांसी पर लटके थे |
*साइमन कमीशन 3 फरवरी 1928 ई. को भारत आया, इसे ह्वाइट मैन कमीशन भी कहते हैं |
*लाहौर मे साइमन आयोग के विरूद्ध प्रदर्शन करते समय पुलिस की लाठी से लाला लाजपत राय घायल हो गये एवं बाद मे मृत्यु हो गयी |
*डांडी यात्रा मे लगभग 24 दिन का समय लगा |
*तीनों गोलमेज सम्मेलन के समय इंग्लैंड के प्रधान मंत्री जेम्स रेम्जे मैका डोनाल्ड था |
*23 मार्च 1931 ई. को सुखदेव, भगत सिंह, एवं राजगुरू को लाहौर केस षड्यंत्र मे फांसी पर लटका दिया गया |
*24 मार्च 1940 ई. को मुस्लिम लीग के लाहौर अधिवेशन मे अध्यक्षता करते हुए मु. अली जिन्ना ने अलग मुस्लिम राष्ट्र पाकिस्तान की मांग की |
*भारत छोडो आंदोलन की शुरूआत 9 अगस्त 1942 ई. को हुई | इसी दौरान गांधी जी ने करो या मरो का नारा दिया |
*आजाद हिंद फौज के झण्डे पर दहाड़ते हुए सिंह का चित्र था | सुभाष चंद्र इसके सर्वोच्च सेना पति थे |
*मै देश की बालू से ही कांग्रेस से बड़ा आंदोलन खडा करूंगा ऐसा महात्मा गांधी ने कहा था |
*सबसे कम उम्र मे फांसी की सजा पाने वाले क्रांतिकारी खुद्दी राम बोस थे |
*शहीद ए आजम के नाम से भगत सिंह को जाना जाता है |
*मै एक क्रांतिकारी के रूप मे काम करता हूँ ऐसा नेहरू ने कहा था |
*गोपाल कृष्ण गोखले के आध्यात्मिक एवं राजनीतिक गुरू एम. जी. रानाडे थे
*सुभाष चंद्र बोस के राजनीतिक गुरू देश बंधु चितरंजन दास थे |
*भारत का विस्मार्क सरदार बल्लभ भाई पटेल को कहते हैं |
*अखिल भारतीय हरिजन संघ की स्थापना गांधी जी ने की |
*राष्ट्रीय युवा दिवस विवेकानंद से सम्बंधित है |
*भारत के पितामह (ग्रैंड ओल्ड मैन आफ इंडिया) दादा भाई नौरोजी को कहते हैं |
*बिना ताज का बाद शाह सुरेंद्र नाथ बनर्जी को कहा जाता है |
*पाकिस्तान शब्द के जन्म दाता चौधरी रहमत अली थे |
*पाकिस्तान के प्रथम प्रधानमंत्री लियाकत अली जिन्ना थे |
*भारत भारतीयों के लिये है, यह नारा आर्य समाज ने दिया |
*मुण्डा विद्रोह का नेतृत्व बिरसा मुण्डा ने किया |
*भारत एक नहीं दो राष्ट्र है, यह मुहम्मद अली जिन्ना ने कहा |
*भारत का विभाजन माउंटबेटन योजना के तहत हुआ |
*खुद्दी राम बोस को जज की गाडी पर बम फेंकने के आरोप मे फांसी दी गई |
*भगत सिंह, राजगुरू एवं सुखदेव को सांडर्स की हत्या के केस मे तथा केंद्रीय विधान सभा मे बम फेंकने पर फांसी दी गयी |
*चंद्रशेखर काकोरी डाक गाड़ी काण्ड के मुख्य आरोपी थे, ये अल्फ्रेड पार्क इलाहाबाद मे शहीद हुए |
*सुभाष चंद्र बोस ने सिंगापुर मे अंतरिम सरकार का गठन किया |
*जय जवान जय किसान का नारा लाल बहादुर शास्त्री ने 1965 ई. के पाक युद्ध के समय दिया |
*राजा राम मोहन राय को भारतीय पत्रकारिता का अग्र दूत कहा जाता है | 1821 ई. मे इन्होने बंगाली साप्ताहिक पत्रिका संवाद कौमुदी एवं 1822 ई. मे फारसी मे मिरात उल अखबार आरम्भ किया |
प्रमुख संगठन एवं सम्बंधित व्यक्ति
संस्थाएं
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स्थापना वर्ष
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संस्थापक
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एसियाटिक सोसायटी
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1784 ई.
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विलियम जोंस
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ब्रम्ह समाज
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1828 ई.
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राजा राम मोहन राय
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ईस्ट इंडिया एसोसिएशन
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1866 ई.
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दादा भाई नौरोजी
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इंडियन लीग
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1875 ई.
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शिशिर कुमार घोष
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आर्य समाज
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1875 ई.
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स्वामी दयानंद सरस्वती
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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
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1885 ई.
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ए. ओ. ह्यूम
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राम कृष्ण मिशन
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1897 ई.
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स्वामी विवेकानंद
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मुस्लिम लीग
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1906 ई.
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आगा खां, सलीम उल्ला खां
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विश्व भारती
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1912 ई.
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रविंद्र नाथ ठाकुर
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हिंदू महासभा
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1915 ई.
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मदन मोहन मालवीय
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आजाद हिंद फौज
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1942 ई.
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रास बिहारी बोस
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आजद हिंद सरकार
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1943 ई.
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सुभाष चंद्र बोस
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प्रमुख वचन एवं नारे
वचन एवं नारे
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जिसने कहा
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इंकलाब जिंदा बाद
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भगत सिंह
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दिल्ली चलो
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सुभाष चंद्र बोस
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जय हिंद
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सुभाष चंद्र बोस
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तुम मुझे खून दो मै तुम्हे आजादी दूंगा
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सुभाष चंद्र बोस
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पूर्ण स्वराज्य
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जवाहर लाल नेहरू
|
आराम हराम है
|
जवाहर लाल नेहरू
|
वेदों की ओर लौटो
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दयाराम सरस्वती
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करो या मरो
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महात्मा गांधी
|
भारत छोडो
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महात्मा गांधी
|
जय जवान जय किसान
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लाल बहादुर शास्त्री
|
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा
|
श्यामलाल गुप्त
|
वंदे मातरम्
|
बंकीम चंद्र चटर्जी
|
जन गण मन अधिनायक
|
रविंद्र नाथ ठाकुर
|
स्वराज्य हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है
|
बाल गंगाधर तिलक
|
सरफरोसी की तमन्ना
|
राम प्रसाद विस्मिल
|
सारे जहां से अछा
|
इकबाल
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हिंदी, हिंदू, हिंदुस्तानी
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भारतेंदु हरिश्चंद्र
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साइमन कमीशन वापस जाओ
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लाला लाजपत राय
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उपाधि, प्राप्तकर्ता एवं प्रदाता
उपाधि
|
प्राप्तकर्ता
|
प्रदाता
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गुरू देव
|
रविंद्र नाथ टैगोर
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महात्मा गांधी
|
देश रत्न
|
डा. राजेंद्र प्रसाद
|
महात्मा गांधी
|
महात्मा गांधी
|
महात्मा गांधी
|
रविंद्र नाथ टैगोर
|
राष्ट्र पिता
|
महात्मा गांधी
|
सुभाष चंद्र बोस
|
देश नायक
|
सुभाष चंद्र बोस
|
रविंद्र नाथ टैगोर
|
नेता जी
|
सुभाष चंद्र बोस
|
एडोल्फ हिटलर
|
सरदार
|
बल्लभ भाई पटेल
|
बारदोली की महिलाएं
|
विवेकानंद
|
स्वामी विवेकानंद
|
महाराजा खेताडी
|
राजा
|
राजा राम मोहन राय
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अकबर द्वितीय
|
प्रमुख ऐतिहासिक लड़ाइयां
युद्ध
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समय
|
परिणाम
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तराइन का प्रथम युद्ध
|
1191 ई.
|
पृथ्वी राज ने गोरी को हराया
|
तराइन का द्वितीय युद्ध
|
1192 ई.
|
गोरी ने पृथ्वी राज को हराया
|
चंदवार का युद्ध
|
1194 ई.
|
गोरी ने जय चंद को हराया
|
पानीपत का प्रथम युद्ध
|
1526 ई.
|
बाबर ने इब्राहीम को हराया
|
पानीपत का द्वितीय युद्ध
|
1556 ई.
|
अकबर ने हेमू को हराया
|
पानीपत का तृतीय युद्ध
|
1761 ई.
|
अहमद शाह ने मराठों को हराया
|
खानवा का युद्ध
|
1527 ई.
|
बाबर ने राणा सांगा को हराया
|
चौसा का युद्ध
|
1539 ई.
|
शेर शाह ने हुमायुँ को हराया
|
कन्नौज का युद्ध
|
1540 ई.
|
शेर शाह ने हुमायुँ को हराया
|
तालीकोट का युद्ध
|
1565 ई.
|
विजय नगर सम्राज्य का पतन
|
हल्दी घाटी का युद्ध
|
1576 ई.
|
अकबर ने राणा प्रताप को हराया
|
प्लासी का युद्ध
|
1757 ई.
|
अंग्रेजों ने सिराजुद्दौला को हराया
|
बक्सर का युद्ध
|
1764 ई.
|
अंग्रेजों ने मीरकासिम को हराया
|
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम
|
1857 ई.
| |
भारत चीन युद्ध
|
1962 ई.
| |
प्रथम भारत पाक युद्ध
|
1965 ई.
| |
द्वितीय भारत पाक युद्ध
|
1971 ई.
| |
प्रथम विश्व युद्ध
|
1914-18ई.
| |
द्वितीय विश्व युद्ध
|
1939-45ई.
|
पत्र, पत्रिकाएं, पुस्तक एवं सम्बंधित व्यक्ति
पत्र, पत्रिकाएं, पुस्तक
|
सम्बंधित व्यक्ति
|
केसरी(मराठी), द मराठा(अंग्रेजी), गीता रहस्य
|
बाल गंगाधर तिलक
|
कर्मयोगी, युगांतर, वंदेमातरम्
|
अरविंद घोष
|
अनहैपी इंडिया
|
लाला लाजपत राय
|
डिस्कवरी आफ इंडिया, मेरी कहानी
|
जवाहर लाल नेहरू
|
गीतांजली
|
रविंद्र नाथ ठाकुर
|
सोते वतन, कर्मभूमि
|
प्रेमचंद्र
|
भारत भारती
|
मैथिलीशरण गुप्त
|
भारत दुर्दशा
|
भारतेंदु हरिशचंद्र
|
सत्यार्थ प्रकाश
|
दयानंद सरस्वती
|
आनंदमठ
|
बंकिम चंद्र चटोपाध्याय
|
*पुनर्जागरण का प्रारम्भ इटली के फ्लोरेंस नगर से माना जाता है |
*इटली के महान कवि दांते को पुनर्जागरण का अग्रदूत माना जाता है |
*रोमियो एण्ड जुलियट शेक्सपीयर (इंग्लैंड) की अमर कृति है |
*धर्म सुधार आंदोलन की शुरूआत इंग्लैंड से हुई |
*अमेरिका की खोज कोलम्बस ने की |
*अमेरिका स्वतंत्रता संग्राम के नायक जार्ज वाशिंगटन थे | जो बाद मे अमेरिका के प्रथम राष्ट्र पति बने |
*प्रजातंत्र की स्थापना सर्वप्रथम अमेरिका मे हुई | इसे ही आधुनिक गणतंत्र की जननी माना जाता है |
*धर्म निरपेक्ष राज्य की स्थापना सर्वप्रथम अमेरिका मे हुई |
*संसार मे सर्वप्रथम लिखित संविधान संयुक्त राज्य अमेरिका मे लागू हुआ |
*अमेरिका विश्व का ऐसा पहला देश था जिसने मनुष्यों की समानता तथा उनके मौलिक अधिकारों की घोषणा की |
*प्रजातंत्र, जनता का, जनता के द्वारा, जनता के लिए शासन है, यह वाक्य अब्राहम लिंकन के हैं |
*फ्रांस की क्रांति लुई सोलहवां के शासन काल मे हुई |
*माप- तौल की दशमलव प्रणाली फ्रांस की देन है |
*आधुनिक फ्रांस का निर्माता नेपोलियन को माना जाता है |
*वैज्ञानिक समाजवाद का संस्थापक कार्ल मार्क्स था |
*रूस का अंतिम जार निकोलस द्वितीय था |
*औद्योगिक क्रांति की शुरूआत इंग्लैंड मे हुई, क्योंकि इसके पास कच्चे माल एवं पूंजी की अधिकता थी |
*इंग्लैंड मे औद्योगिक क्रांति की शुरूआत सूत कपड़ा उद्योग से हुई |
*प्रथम विश्व युद्ध मे सम्पूर्ण विश्व दो भागों मे बट गया एक मित्र राष्ट्र, दूसरा धुरी राष्ट्र |
*धुरी राष्ट्रों का नेतृत्व जर्मनी ने किया, इसमे शामिल अन्य देश – आस्ट्रिया, हंगरी, और इटली थे |
*मित्र राष्ट्रों मे इंग्लैंड, जापान, सं.रा.अमेरिका, रूस, एवं फ्रांस शामिल थे |
*आस्ट्रिया, जर्मनी एवं इटली के बीच त्रिगुट का निर्माण 1882 ई. मे हुआ |
*प्रथम विश्व युद्ध के समय अमेरिका के राष्ट्र पति वुडरो विल्सन थे |
*द्वितीय विश्व युद्ध मे मित्र राष्ट्रों द्वारा पराजित होने वाला अंतिम देश जापान था |
*चीन एशिया का मरीज के नाम से जाना जाता है |
*तुर्की को यूरोप का मरीज कहा जाता है |
*हिटलर ने नेशनल सोशलिस्ट पार्टी या नाजी दल की स्थापना की |
*एक राष्ट्र, एक नेता का नारा हिटलर ने दिया |
*हिटलर की आत्म कथा मेरा संघर्ष (my kent) है |
*अमेरिका को पूर्ण स्वतंत्रता 4 जुलाई 1776 ई. को मिली |
*अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम का कारण बोस्टन टी पार्टी था |
*दास प्रथा का उन्मूलन अब्राहम लिंकन ने किया |
*मै ही राज्य हूँ, और मेरे शब्द ही कानून हैं, ये शब्द लुई सोलहवां ने कहा |
*भारत और चीन के मध्य पंच शील समझौता 20 अप्रैल सन् 1954 ई. को हुआ |
*दास कैपिटल नामक पुस्तक के लेखक कार्ल मार्क्स थे |
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