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яυ∂яαкѕн ѕαη∂ιℓуα
9453789608
ραη∂ιт ѕнуαм ηαяαуαη тяιραтнι ѕαη∂ιℓуα
प्रत्यय
******
अर्थ:- वे शब्दांष जो मूल शब्द के अन्त में जुड़कर उसके अर्थ में विषेषता ला देते है।
नोट:- जिस शब्द के अन्त में प्रत्यय जुड़ेगा उस शब्द के अंतिम स्वर कों शून्य समझना चाहिए ।
उदाहरण:- पाठ + अक – पाठक
– प्रत्यय के अलावा सार्थक शब्द बचना चाहिए ।
प्रत्यय के प्रकार
1. कृत प्रत्यय:- धातु या क्रिया के अन्त में लगने वाले प्रत्यय कृत प्रत्यय कहलाते है ।
उदाहरण:- लड़ + आई – लड़ाई
भूल + अक्कड़ – भुलक्कड़
– कृत प्रत्यय के योग से बनने वाले शब्दों को कृदन्त कहते है।
– कृत प्रत्यय के शब्दों में ‘ ना ‘ लगाने पर सार्थक शब्द बनते है जैसे:- लड़ना, भुलना ।
2. त.िडत प्रत्यय:- जो प्रत्यय धातु या क्रिया को छोड़कर अन्य शब्दों (संज्ञा, सर्वनाम, विषेषण
आदि ) के अंत में लगते है, त.िडत प्रत्यय कहलाते है।
उदाहरण:- भला + आई – भलाई
लोहान + आर – कुलार
कृत प्रत्यय के उदाहरण:-
लड़ + आकू – लड़ाकू
खेल + आड़ी – खिलाड़ी
खेल + औना – खिलौना
बैठ + अक – बैठक
बिक + आऊ – बिकाऊ
थक + आवट – थकावट
पिट + आई – पिटाई
लड़ + आका – लड़ाका
लूट + ऐरा – लुटेरा
झूल + आ – झुला
भिड़ + अन्त – भिड़न्त
लिख + आवट – लिखावट
घबरा + आहट – घबराहट
कथ + इत – कथित
राजनीति + क – राजनीतिक
राजनीति + इक – राजनैतिक
पठ + नीय – पठनीय
त.िडत प्रत्यय के उदाहरण:-
मुख + इया – मुखिया
घास + एरा – घसेरा
लकड़ + हारा – लक्कड़हारा
बहुत + आयात – बहुतायत
गुरू + इमा – गरिमा
छोटा + पन – छुटपन
कृपा + आलु – कृपालू
काला + ऊटा – कलूटा
हिस्सा + दार – हिस्सेदार/हिस्सादार
बूढ़ा + आपा – बुढ़ाया
रक्त + इम – रक्तिम
सुन्दर + ता – सुन्दरता
ससुर + आल – ससुराल
मौसा + एरा – मौसेरा
3. इक प्रत्यय:- यदि प्रथम वर्ण अ, आ हो तो – आ
उदाहरण:-
व्यवसाय + इक – व्यावसायिक
प्रमाण + इक – प्रमाणिक
नीति + इक – नैतिक
धर्म + इक – धार्मिक
व्यवहार + इक – व्यावहारिक
काया + इक – कायिक
इ, ई, ए यदि प्रथम वर्ण हो तो – ऐ
दिन + इक – दैनिक
विज्ञान + इक – वैज्ञानिक
विवाह + इक – वैवाहिक
इच्छ + इक – ऐच्छिक
नीति + इक – नैतिक
वेतन + इक – वैतनिक
उ, ऊ, ओ यदि प्रथम वर्ण हो तो – औ
प्रत्यय
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अर्थ:- वे शब्दांष जो मूल शब्द के अन्त में जुड़कर उसके अर्थ में विषेषता ला देते है।
नोट:- जिस शब्द के अन्त में प्रत्यय जुड़ेगा उस शब्द के अंतिम स्वर कों शून्य समझना चाहिए ।
उदाहरण:- पाठ + अक – पाठक
– प्रत्यय के अलावा सार्थक शब्द बचना चाहिए ।
प्रत्यय के प्रकार
1. कृत प्रत्यय:- धातु या क्रिया के अन्त में लगने वाले प्रत्यय कृत प्रत्यय कहलाते है ।
उदाहरण:- लड़ + आई – लड़ाई
भूल + अक्कड़ – भुलक्कड़
– कृत प्रत्यय के योग से बनने वाले शब्दों को कृदन्त कहते है।
– कृत प्रत्यय के शब्दों में ‘ ना ‘ लगाने पर सार्थक शब्द बनते है जैसे:- लड़ना, भुलना ।
2. त.िडत प्रत्यय:- जो प्रत्यय धातु या क्रिया को छोड़कर अन्य शब्दों (संज्ञा, सर्वनाम, विषेषण
आदि ) के अंत में लगते है, त.िडत प्रत्यय कहलाते है।
उदाहरण:- भला + आई – भलाई
लोहान + आर – कुलार
कृत प्रत्यय के उदाहरण:-
लड़ + आकू – लड़ाकू
खेल + आड़ी – खिलाड़ी
खेल + औना – खिलौना
बैठ + अक – बैठक
बिक + आऊ – बिकाऊ
थक + आवट – थकावट
पिट + आई – पिटाई
लड़ + आका – लड़ाका
लूट + ऐरा – लुटेरा
झूल + आ – झुला
भिड़ + अन्त – भिड़न्त
लिख + आवट – लिखावट
घबरा + आहट – घबराहट
कथ + इत – कथित
राजनीति + क – राजनीतिक
राजनीति + इक – राजनैतिक
पठ + नीय – पठनीय
त.िडत प्रत्यय के उदाहरण:-
मुख + इया – मुखिया
घास + एरा – घसेरा
लकड़ + हारा – लक्कड़हारा
बहुत + आयात – बहुतायत
गुरू + इमा – गरिमा
छोटा + पन – छुटपन
कृपा + आलु – कृपालू
काला + ऊटा – कलूटा
हिस्सा + दार – हिस्सेदार/हिस्सादार
बूढ़ा + आपा – बुढ़ाया
रक्त + इम – रक्तिम
सुन्दर + ता – सुन्दरता
ससुर + आल – ससुराल
मौसा + एरा – मौसेरा
3. इक प्रत्यय:- यदि प्रथम वर्ण अ, आ हो तो – आ
उदाहरण:-
व्यवसाय + इक – व्यावसायिक
प्रमाण + इक – प्रमाणिक
नीति + इक – नैतिक
धर्म + इक – धार्मिक
व्यवहार + इक – व्यावहारिक
काया + इक – कायिक
इ, ई, ए यदि प्रथम वर्ण हो तो – ऐ
दिन + इक – दैनिक
विज्ञान + इक – वैज्ञानिक
विवाह + इक – वैवाहिक
इच्छ + इक – ऐच्छिक
नीति + इक – नैतिक
वेतन + इक – वैतनिक
उ, ऊ, ओ यदि प्रथम वर्ण हो तो – औ
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