मानवरहित गगनयान

 🚀 🚀 *गगनयान* 🚀🚀
🛰️ *मानवरहित गगनयान* =

✅ गगनयान वह अंतरिक्ष यान होगा जो धरती से अंतरिक्ष में लांच करने के बाद अंतरिक्ष में कुछ दिन बिताकर वापस पृथ्वी पर सफलतापूर्वक लैंडिंग करेगा इसे ही गगनयान नाम दिया गया है।
यह भारत का बहुत ही महत्वकांक्षी मिशन होगा जो आने वाले समय में भारत के लिए अंतरिक्ष में द्वार खोलेगा।
 ✅ गगनयान मिशन को तीन चरणों में लांच किया जाएगा =
-- जिसमें से दो मानव रहित मिशन होंगे-- (i) दिसंबर 2020
(ii) जून या जुलाई 2021 में लॉन्च होंगे।
 
-- अंतिम गगनयान मिशन जो मानव युक्त होगा -- दिसंबर 2021 में लांच किया जाएगा।

✅ गगनयान मिशन में जीएसएलवी मार्क- 3 रॉकेट का प्रयोग किया जाएगा यह रॉकेट भारत का सबसे भारी भरकम एवं सफल रॉकेट है जिसके द्वारा गगन यान को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा ।
भारत का प्रथम मानव रहित गगनयान मिशन जो दिसंबर 2020 में लांच किया जाएगा, में हाफ ह्यूमॉनोइड महिला रोबोट को भेजा जाएगा यह रोबोट अंतरिक्ष में होने वाली हलचल एवं यान की कार्यप्रणाली पर रखेगी नजर रखेगी।

--- इसी व्योम मित्र रोबोट का केवल धड़ ही बनाया गया है पैर नहीं है इसलिए इसे हाफ ह्यूमो नॉइड रोबोट कहा गया है 
✅ यदि भारत का मानव रहित गगनयान मिशन सफल रहा तो दिसंबर 2021 में मानव युक्त गगन यान को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा क्योंकि मानव रहित गगनयान में बिना मानव के ही केवल यान को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा एवं वापस धरती पर लैंडिंग करवाई जाएगी।
✅ मानव रहित गगनयान के सफल रहने पर दिसंबर 2021 में इस मिशन को लांच किया जाएगा ।
--- 15 अगस्त 2018 को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने "गगनयान मिशन" के माध्यम से 2022 तक अंतरिक्ष में भारतीय अंतरिक्ष यात्री भेजने की घोषणा की थी।

--- क्रू मॉड्यूल =इसमें अंतरिक्ष यात्री बैठते हैं और सुरक्षित धरती पर लौटते हैं।

 ✅ गगनयान में जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के लिए भारत द्वारा ही स्पेसशूट को तैयार कर लिया गया है I


✅ मानव युक्त गगनयान मिशन को धरती की सतह से 300 से 400 किलोमीटर धरती की निचली कक्षा में स्थापित किया जाएगा।
✅ मानव युक्त गगनयान में भेजे जाने वाले व्योमनोट्स को वायु सेना के टेस्ट पायलटों में से 4 अंतरिक्ष यात्रियों का चयन कर लिया गया है । वर्तमान समय में वायु सेना के यह चार टेस्ट पायलट 11 महीने के प्रशिक्षण के लिए रूस गए हुए हैं। इसके बाद में इनको अंतिम समय में फ्रांस में 2 सप्ताह के प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा ।
--- गगनयान के साथ ही चंद्रयान - 3 की तैयारी भी की जा रही है जिसे 2021 तक लांच किया जाएगा इसके लिए लगभग 600 करोड रुपए का खर्च आएगा I
✅ मानव युक्त गगनयान जब धरती पर वापसी करेगा तो पृथ्वी की 120 km की ऊंचाई पर क्रू मॉड्यूल सर्विस मॉड्यूल से अलग हो जाएगा एवं क्रू मॉड्यूल से व्योम नोट्स बंगाल की खाड़ी में उतर जायेंगे।
✅ अगर सब कुछ ठीक रहा तो 2022 में भारत उन देशों में शुमार हो जाएगा जो अंतरिक्ष में इंसान को भेजने में सक्षम है।
---- अंतरिक्ष में सर्वप्रथम इंसान को भेजने का श्रेय रूस को जाता है जिन्होंने 1961 में यूरी गागरिन को भेजा इसके बाद अमेरिका व चीन भी ऐसा कर चुके हैं।
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