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яυ∂яαкѕн ѕαη∂ιℓуα
9453789608
ραη∂ιт ѕнуαм ηαяαуαη тяιραтнι ѕαη∂ιℓуα
१.कृत – प्रत्यय
:- जो प्रत्यय धातुओं के साथ जुड़कर अर्थ में कुछ
परिवर्तन ला देते है , कृत प्रत्यय कहलाते है । जैसे – बन +
आवट = बनावट , लूट + एरा = लुटेरा , पूजा + री = पुजारी , हँस + ओड़ =
हंसोड़ ।
प्रत्यय (Sufix)
प्रत्यय की परिभाषा
वह शब्द जो किसी शब्द के पीछे जुड़ कर अर्थ में कुछ परिवर्तन
ला देता है ,प्रत्यय कहलाता है । जैसे – बचत ,दिखावा
,खाता, मासिक
,संभावित ,कृपालु आदि । इसके दो भेद होते है –
ला देता है ,प्रत्यय कहलाता है । जैसे – बचत ,दिखावा
,खाता, मासिक
,संभावित ,कृपालु आदि । इसके दो भेद होते है –
१.कृत – प्रत्यय
:- जो प्रत्यय धातुओं के साथ जुड़कर अर्थ में कुछ
परिवर्तन ला देते है , कृत प्रत्यय कहलाते है । जैसे – बन +
आवट = बनावट , लूट + एरा = लुटेरा , पूजा + री = पुजारी , हँस + ओड़ =
हंसोड़ ।
२.तद्धित प्रत्यय : – वे प्रत्यय जो किसी संज्ञा ,सर्वनाम या विशेषण के साथ जुड़ कर अर्थ में परिवर्तन ला देते है , तद्धित
प्रत्यय कहलाते है । जैसे – मामा + एरा = ममेरा , लड़का + पन = लडकपन , छोटा + पन = छुटपन , अपना
+ पन = अपनत्व , मम
+ ता = ममता , ऊँचा
+ आई = ऊँचाई
प्रत्यय कहलाते है । जैसे – मामा + एरा = ममेरा , लड़का + पन = लडकपन , छोटा + पन = छुटपन , अपना
+ पन = अपनत्व , मम
+ ता = ममता , ऊँचा
+ आई = ऊँचाई
उपसर्ग(Prefix )
उपसर्ग की परिभाषा
वे शब्दांश हैं , जो किसी शब्द से पहले लगते हैं और उनके अर्थ को बदलते और प्रभावित करते हैं , उपसर्ग कहलाते हैं। जैसे – अधर्म , अनुगामी
में क्रमशः “अ ‘ और ‘अनु ‘ उपसर्ग
है . शब्दों के प्रारंभ में उपसर्ग अंत में प्रत्यय लगते हैं . हिंदी उपसर्ग लगभग नहीं के बराबर हैं . ये या तो संस्कृत के हैं या उर्दू के . संस्कृत
उपसर्ग १९ , हिंदी उपसर्ग १० , और उर्दू
उपसर्ग १२ हैं . यथा – प्र , परा , अप ,
सम, अनु , अव , निस- निर , दुस
, दुर, वि ,
आ , अधि, अपि, प्रति , परि
, उप , आ
आदि . जो हिंदी के उपसर्ग
हैं , वे प्राय: तद्भव शब्दों के पूर्व रूप हैं . ये
निम्न हैं – श , अध् , औ ,
उन , नि ,
भर , स ,
सु , कु ,
विन , दु
आदि .
में क्रमशः “अ ‘ और ‘अनु ‘ उपसर्ग
है . शब्दों के प्रारंभ में उपसर्ग अंत में प्रत्यय लगते हैं . हिंदी उपसर्ग लगभग नहीं के बराबर हैं . ये या तो संस्कृत के हैं या उर्दू के . संस्कृत
उपसर्ग १९ , हिंदी उपसर्ग १० , और उर्दू
उपसर्ग १२ हैं . यथा – प्र , परा , अप ,
सम, अनु , अव , निस- निर , दुस
, दुर, वि ,
आ , अधि, अपि, प्रति , परि
, उप , आ
आदि . जो हिंदी के उपसर्ग
हैं , वे प्राय: तद्भव शब्दों के पूर्व रूप हैं . ये
निम्न हैं – श , अध् , औ ,
उन , नि ,
भर , स ,
सु , कु ,
विन , दु
आदि .
उपसर्ग के उदाहरण
१ . संस्कृत के उपसर्ग
उपसर्ग
अर्थ
उपसर्ग
से बने शब्द
अर्थ
उपसर्ग
से बने शब्द
अति अधिक
अत्यधिक
, अतिशय
अत्यधिक
, अतिशय
अप बुरा ,अभाव अपकार , अपमान , अपशब्द
अ
अभाव अज्ञान ,
अधर्म , अस्वीकार
अभाव अज्ञान ,
अधर्म , अस्वीकार
अनु पीछे
अनुवाद , अनुरूप ,अनुक्रम
अनुवाद , अनुरूप ,अनुक्रम
आ ओर, सीमा आगमन ,
आरम्भ ,आचरण
आरम्भ ,आचरण
२ . हिंदी
के उपसर्ग
के उपसर्ग
उपसर्ग
अर्थ
उपसर्ग से बने शब्द
अर्थ
उपसर्ग से बने शब्द
अन
अभाव अनजान
, अनकहा , अनदेखा
अभाव अनजान
, अनकहा , अनदेखा
अध् आधा
अधपका , अधमरा
अधपका , अधमरा
उन
एक कम उनतीस ,
उनचास
एक कम उनतीस ,
उनचास
दु
बुरा , हीन
दुबला , दुर्जन , दुर्बल
बुरा , हीन
दुबला , दुर्जन , दुर्बल
नि रहित
निडर , निकम्मा
निडर , निकम्मा
३ . फ़ारसी के उपसर्ग
उपसर्ग
अर्थ
उपसर्ग से बने शब्द
अर्थ
उपसर्ग से बने शब्द
बद
बुरा
बदसूरत , बदनाम
, बददिमाग
बुरा
बदसूरत , बदनाम
, बददिमाग
बे
बिना बेकाम , बेअसर , बेरहम
बिना बेकाम , बेअसर , बेरहम
कम
थोड़ा
कमज़ोर , कमदिमाग
, कमजात
थोड़ा
कमज़ोर , कमदिमाग
, कमजात
ग़ैर
के बिना गैरकानूनी ,
गैरजरूरी , ग़ैर
हाज़िर
के बिना गैरकानूनी ,
गैरजरूरी , ग़ैर
हाज़िर
खुश
प्रसन्न खुशनुमा ,
खुशगवार , खुशमिज़ाज
प्रसन्न खुशनुमा ,
खुशगवार , खुशमिज़ाज
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